Book Title: Jain Hiteshi
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 364
________________ धर्मदिवाकर-इसमे मनुष्यके जीवनका आदर्श बतलाया गया है। ससारमे कितना दु ख है और परोपकार स्वार्थत्याग प्रेममें कितना सुख है, यह उसमें एक कथाके वहाने दिखलाया है । मूल्य नवजीवनविद्या-जिनका विवाह हो चुका है अथवा जिनका विवाह होनेवाला है उन युवकोंके लिए यह विलकुल नये ढंगकी पुस्तक हाल ही छपकर तैयार हुई है । यह अमेरिकाके सुप्रसिद्ध डाक्टर, काविनके 'दी सायन्स आफ ए न्यू लाईन' नामक ग्रन्थका हिन्दी अनुवाद है। इसमे नीचे लिखे अध्याय हैं-१ विवाहके उद्देश्य और लाभ, २ किस उमरमें विवाह करना चाहिए, ३ स्वयंवर, ४ प्रेम और अनुरागकी परीक्षा, ५ स्त्रीपुरुषोंकी पसन्दगी, ७ सन्तानोत्पत्तिकारक अवयवोंकी बनावट, ९ वीर्यरक्षा, १० गर्भ रोकनेके उपाय, ११ ब्रह्मचर्य, १२ सन्तानकी इच्छा, १३ गर्भाधानविधि, १४ गर्भ, १५ गर्भपर प्रभाव, १६ गर्भस्थजीवका पालनपोषण, १७ गर्भाशयके रोग, १८ प्रसवकालके रोग, इत्यादि प्रत्येक शिक्षित पुरुष और स्त्रीको यह पुस्तक पढ़ना चाहिए। हम विश्वास दिलाते हैं कि इसे पढकर वे अपना बहुत कुछ कल्याण कर सकेंगे। पक्की जिल्द मूल्य पौने दो रुपया ।। चन्द्रकांत प्र० भा०-(वेदान्त ज्ञानका मुख्यग्रथ) बम्बईप्रान्तके सुप्रसिद्ध 'गुजराती ' साप्ताहिक पत्रके गुजराती प्रथका अनुवाद, अनेक ग्रंथोंका सार लेकर इस प्रथकी रचना हुई है । वेदान्त जैसे कठिन विषयको बड़ी सहज रीतिसे समझाया है । मूल्य २॥ विद्यार्थीके जीवनका उद्देश-क्या होना चाहिए उसका एक ग्रेटुएट द्वारा लिखित इग्लिश लेखका हिन्दी अनुवाद । मूल्य एक आना । विचित्रवधूरहस्य-बगसाहित्यसम्राट् कविवर रवीन्द्रनाथ ठाकुरके वगाली उपन्यासका हिन्दी अनुवाद । रवीन्द्रबाबूके उपन्यासोंकी प्रशंसा करनेकी जरूरत नहीं करुणारसपूर्ण उपन्यास है । मूल्य ॥) स्वर्णलता-बहुत ही शिक्षाप्रद सामाजिक उपन्यास है। बंगाली भाषामें यह चौदह चार छपके छपके विक चुका है । हिन्दीमें अभी हाल ही छपा है। मूल्य ११) माधवीकंकण-बड़ोदा राज्यके भूतपूर्व दीवान सर रमेशचन्द्रदत्तके बंगला उपन्यासका हिन्दी अनुवाद । मूल्य ]

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