Book Title: Jain Dharm Ek Zalak
Author(s): Anekant Jain
Publisher: Shantisagar Smruti Granthmala

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Page 26
________________ (4) परीक्षामुखसूत्र- आचार्य माणिक्यनंदि, प्रकाशक- टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, जयपुर-15 इसकी प्रमेयरत्नमाला, प्रमेयकमलमार्तंड आदि आचार्य प्रणीत अनेक वृहट्टीका भी अनेक संस्थानों में प्रकाशित हैं। (5) आलापपद्धति- आचार्य देवसेन, प्रकाशक- वीरसेवा मंदिर, दरियागंज नई दिल्ली (6) न्यायदीपिका- धर्मभूषणयति, प्रकाशक- वीरसेवा मंदिर दरियागंज, नई दिल्ली (7)समणसुत्तं- (संकलित) क्षु० जिनेंद्र वर्णी (बीसवीं शती), प्रकाशकसर्वसेवा संघ, राजघाट, वाराणसी आधुनिक प्रमुख ग्रंथ (1) जैन धर्म- पं० कैलाशचंद्र शास्त्री, प्रकाशक- श्री दिगंबर जैन संघ मथुरा तथा आचार्य शांति ‘छाणी' स्मृति ग्रंथमाला, प्रथम तल, 247 दिल्ली रोड, मेरठ (उ० प्र०)। फ़ोन : 0121-2528704, 2533707 (2) जैन दर्शन- डॉ० महेंद्र कुमार न्यायाचार्य, प्रकाशक- गणेश प्रसाद वर्णी दि० जैन संस्थान, नरिया, वाराणसी-5 (3)जैन धर्म और दर्शन- मुनि प्रमाणसागर जी, प्रकाशक- राजपाल एंड संस, कश्मीरी गेट, दिल्ली (4) भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान- डॉ० हीरालाल जैन, प्रकाशक- मध्य प्रदेश शासन साहित्य परिषद, भोपाल (5)जैन दर्शन मनन और मीमांसा- आचार्य महाप्रज्ञ, प्रकाशक- आदर्श साहित्य संघ, चुरु (राज.) (6) जैन धर्म का सरल परिचय- पं० बलभद्र जैन, प्रकाशक- कुंदकुंद भारती 18-बी, स्पेशल इंस्टीट्यूशनल एरिया, नई दिल्ली-67 (7) जैनधर्म-सार-संदेश- डॉ० काशीनाथ उपाध्याय, प्रकाशकराधास्वामी सत्संग व्यास, डेरा बाबा जैमल सिंह, पंजाब-143204 कोश साहित्य जैन दर्शन तथा संस्कृति के शब्दों, सिद्धांतों तथा व्याख्याओं को समझाने के लिए अत्यंत वैज्ञानिक रीति से तैयार 'जैनेंद्र सिद्धांत कोश' बहुत उपयोगी ग्रंथ है। इसके रचयिता क्षु० जिनेंद्र वर्णी जी हैं। इस महान कोश में अकारादि क्रम से संपूर्ण जैनागम को व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इसका प्रकाशन भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली में पाँच भागों में हुआ है। जैन धर्म-एक झलक

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