Book Title: Jain Darshan me Karan Karya Vyavastha Ek Samanvayatmak Drushtikon
Author(s): Shweta Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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६०४ जैनदर्शन में कारण-कार्य व्यवस्था : एक समन्वयात्मक दृष्टिकोण
८७. परमभाव प्रकाशक नयचक्र, पृष्ठ ३२४ ८८. षड्दर्शन समुच्चय, श्री भूपेन्द्र सूरि जैन साहित्य समिति, आहोर (मारवाड़),
श्लोक ७९ उपदेश पद, गाथा १६५ पर मुनिचन्द्रसूरि टीका उपदेश पद गाथा ३५० 'कम्मवसा खलु जीवा, जीववसाई कहिं चि कम्माई' -बृहत्कल्पभाष्य गाथा २६९० योगबिन्दु ४१४ योगबिन्दु ३२१
योगबिन्दु ३३५ ९५. सूत्रकृतांग की शीलांक टीका, (अम्बिकादत्त व्याख्या सहित) भाग तृतीय,
पृष्ठ ८९
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