Book Title: Jain Darshan me Karan Karya Vyavastha Ek Samanvayatmak Drushtikon
Author(s): Shweta Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 715
________________ ६५४ जनदर्शन में कारण-कार्य व्यवस्था : एक समन्वयात्मक दृष्टिकोण हिन्दी ग्रन्थ १. कर्म की हिन्दू अवधारणा- डॉ. रवीन्द्रनाथ मिश्र, कला प्रकाशन, बी ३३/३३-ए, न्यू साकेत कॉलोनी, बी.एच.यू., वाराणसी-५, १९९६ नारदीय ज्योतिष- लेखक: डॉ. बिन्दा प्रसाद मिश्र, विद्यानिधि प्रकाशन, दिल्ली १९९८ पुरुषार्थ चतुष्टय : दार्शनिक अनुशीलन- डॉ. सुधा भटनागर, विद्यानिधि प्रकाशन, डी-१०६१, गली नं. १० (समीप श्री महागौरी मन्दिर) खजूरी खास, दिल्ली १९९९ ४. बौद्ध दर्शन तथा अन्य भारतीय दर्शन- भरत सिंह उपाध्याय, प्रथम विभाग, मोतीलाल बनारसीदास, बंग्लो रोड़, जवाहर नगर, दिल्ली, १९९६ भारतीय ईश्वरवाद- श्री पाण्डेय रामावतार शर्मा, पं. रामपुकार मिश्र, हिन्दुस्तानी प्रेस, बॉकीपुर (मुद्रक) भारतीय दर्शन- उमेश मिश्र, उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान, राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डन हिन्दी भवन, महात्मा गाँधी मार्ग, लखनऊ, १९९० भारतीय दर्शन- डॉ. नन्दकिशोर देवराज, उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ, १९९९ भारतीय दर्शनशास्त्र का इतिहास- जयदेव अलंकार, न्यू भारतीय बुक कॉर्पोरेशन, दिल्ली, प्रथम संस्करण, २००२ योगवासिष्ठ और उसके सिद्धान्त- डॉ. भीखनलाल आत्रेय, श्रीकृष्ण- जन्मस्थान सेवा संस्थान, मथुरा, द्वितीय संस्करण, १९८९ कोश, अभिनन्दन ग्रन्थ एवं पत्र-पत्रिकाएं कोश अभिधान राजेन्द्र कोश (भाग १ से ७)- राजेन्द्रसूरि, श्री अभिधान राजेन्द्र कोष प्रकाशन संस्था, श्री राजेन्द्रसूरि ज्ञान मन्दिर, रतनपोल, अहमदाबाद। १. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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