Book Title: Jain Darshan me Karan Karya Vyavastha Ek Samanvayatmak Drushtikon
Author(s): Shweta Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 701
________________ ६४० जैनदर्शन में कारण-कार्य व्यवस्था : एक समन्वयात्मक दृष्टिकोण १०. उत्तराध्ययन सूत्र- आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, १९९१ ११. उपदेशपद ( प्रथम विभाग ) - श्री हरिभद्रसूरि विरचित, जिनशासन आराधना ट्रस्ट, ७ - त्रीजो भोइवाडो, भूलेश्वर, मुम्बई, वि.सं. २०४६ श्री १२. उपासकदशांग- आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, १९८९ १३. कर्मग्रन्थ ( भाग १ से ६ ) - मरुधर केसरी, श्री मरुधर केसरी साहित्य प्रकाशन समिति, पीपलिया बाजार, ब्यावर, १९८९ १४. कर्म-प्रकृति- अभयचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती कृत, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, दिल्ली, १९६८ १५. कल्पसूत्र - श्रीमद् भद्रबाहु प्रणीत, श्री जैन दिवाकर दिव्य ज्योति कार्यालय, महावीर बाजार, ब्यावर, वि.सं. २०५० १६. कार्तिकेयानुप्रेक्षा- स्वामी कुमार, श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास, वि.सं. २०४६ १७. गोम्मटसार ( कर्मकाण्ड ) - श्री नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती, श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास, वायाआणंद, पोस्ट- बोरिया (गुजरात), वि.सं. २०४१ १८. गोम्मटसार ( जीवकाण्ड ) - श्री नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, दिल्ली, विक्रम संवत् २००० १९. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति - आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, १९८६ २०. जैन तत्त्वादर्श- आत्माराम जी महाराज, श्री आत्मानन्द जैन महासभा, पंजाब २१. जैन योग ग्रन्थचतुष्टय- हरिभद्र सूरि, मुनि श्री हजारीमल स्मृति प्रकाशन, ब्यावर २२. ज्ञानार्णव- शुभचन्द्राचार्य, श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास, विक्रम संवत् २०३७ २३. तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक- श्रीमद् विद्यानन्दिस्वामी विरचित, गाँधीनाथारंग जैन ग्रन्थ माला, मांडवी, मुम्बई Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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