Book Title: Jain Darshan me Karan Karya Vyavastha Ek Samanvayatmak Drushtikon
Author(s): Shweta Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 700
________________ आधार गाथा : जैन ग्रन्थ प्राकृत एवं संस्कृत ग्रन्थ १. ४. ५. ६. २. अनुयोगद्वार सूत्र - आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, १९८७ ३. ७. कालो सहाव नियई पुव्वकयं पुरिसे कारणेगंता । मिच्छत्तं ते चेव, समासओ होन्ति सम्मत्तं । । ८. सहायक ग्रन्थसूची -सन्मति तर्क, काण्ड ३, गाथा ५३ अध्यात्ममत परीक्षा- यशोविजय विरचित स्वोपज्ञवृत्तियुक्त, श्री आदीश्वर जैन टेम्पल ट्रस्ट, बालकेश्वर, मुम्बई-६ अष्ट पाहुड़- कुन्दकुन्दाचार्य, श्री सेठी दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला, श्री मीठालाल महेन्द्रकुमार सेठी, दिगम्बर जैन पारमार्थिक ट्रस्ट, ६२ - धनजी स्ट्रीट, मुम्बई आचारांग सूत्र - आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, १९९८ आचारांग सूत्र सूत्रकृतांगसूत्रं च ( श्री भद्रबाहुस्वामिविरचितनिर्युक्ति - श्रीशीलांकाचार्यविरचितटीकासमन्वितम्) - मोतीलाल बनारसीदास, इण्डोलॉजिक ट्रस्ट, दिल्ली, प्रथम संस्करण, १९७८ आत्मानुशासन- भदंत गुणभद्रसूरिविरचित, श्री गणेश वर्णी दिगम्बर जैन संस्थान, नरिया, वाराणसी, १९८३ आप्तपरीक्षा - विद्यानन्द विरंचित, स्वोपज्ञ टीका सहित, वीर सेवा मन्दिर, सरसावा, जिला- सहारनपुर, वि.स. २००६ आप्तमीमांसातत्त्वदीपिका- आचार्य समन्तभद्र, श्री गणेशवर्णी दिगम्बर जैन संस्थान, नरिया - वाराणसी, वीर संवत् २५०१ Jain Education International आलापपद्धति- देवसेन (माइल्लधवलविरचित नयचक्र के परिशिष्ट में उपलब्ध) विवरणार्थ द्रष्टव्य नयचक्र For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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