Book Title: Itihas Ke Aaine Me Navangi Tikakar Abhaydevsuriji Ka Gaccha
Author(s): Bhushan Shah
Publisher: Mission Jainatva Jagaran
View full book text ________________ श्रीअरनाथ प्रतिष्ठिता साक. लोलू. श्रावकेण कारिता। 15) पञ्चतीर्थीः ___ सं. 1305 आषाढ़ सूदि 10 श्रीजिनपतिसूरिशिष्यैः-श्रीजिनेश्वरसूरिभिः प्रतिष्ठिता स्ता. भुवणपाल भार्यया तिहुणपालही श्राविकया कारिता __16) पञ्चतीर्थीः सं. 1305 आषाढ़ सुदि 13 श्रीजिनपतिसूरिशिष्य-श्रीजिनेश्वरसूरिभिः प्रतिष्ठिता स्ता. भुवणपाल भार्यया तिहुणपालही श्राविका कारिता। 17) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं. 1308 वर्षे मि. वै. सु. 5 लूणियागोत्रे सा. होपा। श्री शान्तिनाथ बिं. का. प्र. खरतरगच्छे। 18) जीर्णोद्धारलेखः संवत् 1308 वर्षे फाल्गुन वदि 11 शुक्रे श्रीवालीपुरवास्तव्य चन्द्रगच्छीय खरतर सा. दुलहसुत सधीरण तत्सुत सा. वीजा तत्पुत्र सा. सलषणेन पितामही राजमाता साउ भार्या माल्हणदेवी सहितेन श्री आदिनाथसत्क सर्वांगाभरणस्य साउश्रेयोर्थं जीर्णोद्धारः कृतः। 19) स्तम्भदेवः संवत् 1308 वर्षे फाल्गुन वदि 11 शुक्रे श्री जावालिपुरवास्तवव्य चन्द्रगच्छीय खरतर सा. दूलह सुत सधीरण तत्सुत सा. वीजा तत्पुत्र सा. सलषणेन पितामही राजू माता साऊ भार्या माल्हणदेवि (वी) सहितेन श्री आदिनाथसत्क सर्वांगाभरणस्य साऊ श्रेयोर्थ जीर्णोद्धारः कृतः।। 20) नेमिनाथः ।।अर्जी।। विक्रम संवत् 1310 वैशाख सूदि 13 श्रीनेमिनाथप्रतिमा श्रीजिन16. चिन्तामणिजी का मंदिर, बीकानेर : ना. बी. लेखांक 144 17. मुनिसुव्रत जिनालय, मालपुराः प्रतिष्ठा लेख संग्रह, भाग 1, लेखांक 64 18. देवकुलिका लेख, लूणवसही, आबूः प्रा. जै. ले. सं., भाग 2, लेखांक 232 19. विमलवसही, आबू: अ. प्रा. जै. ले. सं., भाग 2 लेखांक 185 20. पार्श्वनाथ मंदिर, जालोर, जिनहरिसागरसूरि लेख संग्रह, अप्रकाशित 21. B. BHATTACHARYA The bhale Symbal of the Jains इतिहास के आइने में - नवाङ्गी टीकाकार अभयदेवसूरिजी का गच्छ /124
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