Book Title: Itihas Ke Aaine Me Navangi Tikakar Abhaydevsuriji Ka Gaccha
Author(s): Bhushan Shah
Publisher: Mission Jainatva Jagaran
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________________ शासन नायक भगवान महावीर स्वामी के बाद खरतरगच्छ पट्टावली क्र. नाम. विशेष 1. आर्य सुधर्मास्वामी भ. महावीर के पाट के पहले पट्टधर 2. आर्य जम्बूस्वामी अन्तिम केवली 3. आर्य प्रभवस्वामी 4. आर्य शय्यंभव दशवैकालिक सूत्र के रचयिता 5. आर्य यशोभद्र 6. आर्य संभूतविजयजी 7. आर्य भद्रबाहु स्वामी अंतिम चतुर्दश पूर्वधर 8. आर्य स्थूलीभद्रस्वामी 9. आर्य महागिरी 10. आर्य सुहस्तिसूरि 11. आर्य सुस्थितसूरि क्रोड़ बार सूरिमंत्र का जाप कर कोटिक गण प्रारंभ किया 12. आर्य इन्द्रदिन्न सूरि 13. आर्य दिन्नसूरि 14. आर्य सिंहगिरि जाति स्मरण ज्ञान के धारक 15. आर्य वज्रस्वामी वज्रशाखा प्रारंभ - 10 पूर्वो के ज्ञाता 16. वज्रसेनाचार्य 17. श्री चंद्रसूरि चंद्रकुल की उत्पत्ति 18. समन्त चन्द्रसूरि 19. देवसूरि 20. प्रद्योतनसूरि 21. मानदेवसूरि लघुशान्ति के कर्ता 22. मानतुंगसूरि भक्तामर स्तोत्र के रचयिता 23. वीरसूरि श्री देवर्द्धिगणि क्षमाश्रमण ने वीर सं. 980वल्लभीपुर में सर्वशास्त्र लिपिबद्ध करवाये। इतिहास के आइने में - नवाङ्गी टीकाकार अभयदेवसूरिजी का गच्छ /154