Book Title: Itihas Ke Aaine Me Navangi Tikakar Abhaydevsuriji Ka Gaccha
Author(s): Bhushan Shah
Publisher: Mission Jainatva Jagaran
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________________ खरतरगच्छ का लेख तो सही! परंतु सं. 1234 का नहीं (सं. 1534 का है, उसकी सिद्धि) पृ. 114 पर दिया गया ख. प्र. ले. संग्रह का लेख नं. 6 जो पू. जैन भाग-2 में 1289 नं. पर है, उस मूल ग्रंथ से यह लेख सं. 1534 का सिद्ध होता है। देखिये जैन लेख संग्रह। कतिपय चित्र और श्रावश्यक तासिकायों से युक्त --.--- ------ द्वितीय खंड। संग्रह कर्ता पूरण चंद नाहर, एम० ए०, बी० एस०, शकील हाईकोर्ट, रयाल एसिमाटिक सोसाइटी, एसियाटिक सोसाटो बंगाल, रिसार्च सोसाइटी विहार-उड़ीसा आदिके मेम्बर, विश्वविद्यालय कलकत्ता के परीक्षक इत्यादि 2 कलकत्ता। बोर सम्बत् 2053 ( इतिहास के आइने में - नवाङ्गी टीकाकार अभयदेवसूरिजी का गच्छ /138 )