Book Title: Itihas Ke Aaine Me Navangi Tikakar Abhaydevsuriji Ka Gaccha
Author(s): Bhushan Shah
Publisher: Mission Jainatva Jagaran
View full book text ________________ ( 55 ) [1288] सं० 1534 वर्षे आपाढ सुदि 1 गुरौ उप० कयणथा गोत्रे सा० लषमण नार्या लपमादे पु० टिता साना ना० कोल्हणदे स्वश्रेयसे श्री शीतलनाथ विंबं का रितं प्र० जापमाण गच्छे श्री कमसचन्द्र सूरिभिः // [1280] सं० 1534 वर्षे भाषाढ सुदि 1 गुरौ ऊकेश वंशे जहड गोत्रे सा उगच पुत्र सा० खरहकेन ना नीविणि पुत्र माला वला पासड सहितन धर्मनाथ बिंबं निज श्रेयोथ कारापितं श्री खरतरगच्छे जट्टा श्री जिनचन्द्र सूरिनिः॥ [1290] संवत् 1534 वर्षे माह वदि 5 तिथौ सोमे उपकेश ज्ञाती धरावही गोत्रे खबण वीपां मा.कान्हा जार्या हीमादे पुत्र सतपाक तिहुश्रणान्यां पित्रोः पुण्यार्थ श्री शीतलनाथ विंबं कारितं श्री कन्हरसा तपागछे श्री पुएयरत्न सूरि पट्टे श्री पुण्यवर्धन सूरिभिः प्रतिष्ठितं // [1201] सं० 1534 मा शु० 10 डा० व्या नरसिंह नार्य नमलदे पुत्र मेलाकेन जा वीराणि सुत रातादि कुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्री श्रादिनाथ विंबं कारितं प्र० श्री लक्ष्मीसागर सूरिनिः // पालणपुरे // संवत 1535 वर्षे आषाढ द्वितीया दिने उपकेश ज्ञातीय थायार गोत्रे खूणाउत शाखायां सा झांका पु० चउत्था जा0 मयलहदे पु० मूलाकेन आत्मश्रेयसे श्री पद्मप्रन विवं कारितं ककुदाचार्य सन्ताने प्रतिष्ठितं श्री देवगुप्त सूरिभिः // ___[1293] संवत 1546 वर्षे भाषाढ विदि 5 ओसवाल ज्ञातौ श्रेष्ठि गोत्रे वैद्य शाखायो सा / इतिहास के आइने में - नवाङ्गी टीकाकार अभयदेवसूरिजी का गच्छ /139 )
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