Book Title: Itihas Ke Aaine Me Navangi Tikakar Abhaydevsuriji Ka Gaccha
Author(s): Bhushan Shah
Publisher: Mission Jainatva Jagaran

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Page 129
________________ 42) शिलालेखः ॐ / / संवत् 1356 कार्तिक्यां श्रीयुगादिदेवविधिचैत्ये श्री जिनप्रबोधसूरिपट्टालंकार श्री जिनचंद्रसूरिसुगुरूपदेशेन सा. जाल्हण सा. नागपालश्रावकेण सा. गहणादिपुत्रपरिवृतेन मध्यचतुष्किका स्व. पुत्र सा. मूलदेव श्रेयोर्थं सर्वसंघप्रमोदार्थं कारिता। आचंद्राक।।शुभं।। 43) शिलालेखः ॐ / / संवत् 1356 कार्तिक्यां श्रीयुगादिदेवविधिचैत्ये श्रीजिनप्रबोधसूरिपट्टालंकार श्रीजिनचंद्रसूरिसुगुरूपदेशेन सा. आल्हण सुत सा. राजदेव सत्पुत्रेण सा. सलखणश्रावकेण सा. मोकलसिंह तिहूणसिंह परिवृतेन स्वमातुः सा पउमिणिसुश्राविकायाः श्रेयोर्थं सर्वसंघप्रमोदार्थं पार्श्ववर्तिचतुष्किकाद्वयं कारित।। आचंद्रार्क नंदतात्।। 44) शिलालेखः संवत् 1360 आषाढ़ वदि 4 श्रीखरतरगच्छे जिनेश्वरसूरि-पट्टनायकश्रीजिन-प्रबोधसूरिशिष्य श्रीदिवाकराचार्याः पंडित लक्ष्मीनिवासगणि हेमतिलकगणि मतिकलशमुनि मुनिचंद्रमुनि अमररत्नगणि यश:कीर्तिमुनि साधुसाध्वी-चतुर्विध-श्रीविधिसंघसहिताः। श्री आदिनाथ-नेमिनाथ-देवाधिदेवौ नित्यं प्रणमंति। ___45) महावीर-पञ्चतीर्थीः __सं. 1361 वैशाख सुदि 6 श्री महावीरबिंबं श्रीजिनप्रबोधसूरिशिष्यश्रीजिनचन्द्रसूरिभिः प्रतिष्ठितं। कारितं च श्रे. पद्मसी सुत ऊधासीह पुत्र सोहड़ सलखण पौत्र सोमपालेन सर्वकुटुंबश्रेयोर्थं।। 46) शिलालेखः ॐ अहँ।। संवत् 1366 वर्षे प्रतापाक्रांतभूतल-श्रीअलावदीनसुरत्राणप्रतिशरीरश्रीअल्पखानविजयराज्ये श्रीस्तंभतीर्थे श्रीसुधर्मस्वामिसंताननभोनभोमणि 46. स्तम्भन पार्श्वनाथ जिनालय, खंभातः जैन. धा. प्र. ले. सं. भाग 2, लेखांक 1054; प्रा. जै. ले. ___सं., भाग 2, ले. 447 47. शत्रुजयगिरिना केटलाक अप्र. प्रतिमा लेखोंः, मधुसूदन ढांकी और लक्ष्मण भोजक, संबोधि वो. नं. 4; भँवर. (अप्रका.), लेखांक 105 48. शीतलनाथ जिनालय, जैसलमेर: पू. जै. भाग 3, लेखांक 2389 49. कुंथुनाथ मंदिर, अचलगढ़, अ. प्रा. जै. ले. स. भाग 2, लेखांक 527. / इतिहास के आइने में - नवाङ्गी टीकाकार अभयदेवसूरिजी का गच्छ /129 )

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