Book Title: Itihas Ke Aaine Me Navangi Tikakar Abhaydevsuriji Ka Gaccha
Author(s): Bhushan Shah
Publisher: Mission Jainatva Jagaran
View full book text ________________ सुविहितचूड़ामणिप्रभु-श्रीजिनेश्वरसूरिपट्टालंकारप्रभु-श्रीजिनप्रबोधसूरिशिष्यचूड़ामणियुगप्रधानप्रभुश्रीजिनचंद्रसूरिसुगुरूपदेशेन ऊकेशवंशीय-साह- जिनदेव साह-सहदेवकुलमंडनस्य श्रीजेसलमेरौ श्रीपार्श्वनाथविधिचैत्ये कारितश्रीसमेतशिखरप्रासादस्य साह-केसवस्य पुत्ररत्नेन श्रीस्तंभतीर्थे निर्मापितसकलस्वपक्षपरपक्षचमत्कारकारि-नानाविधमार्गणलोकद्रारिद्रयमुद्रापहारि-गुणरत्नाकरस्वगुरुगुरुतरप्रवेशकमहोत्सवेन संपादित श्रीश–जयोज्जयंतमहातीर्थयात्रासम्पाजितपुण्यप्राग्भारेण श्रीपत्तनसंस्थापित-कोइंडिकालंकार-श्रीशांतिनाथ विधि चैत्यालयश्रीश्रावकपौषधशालाकारापणोपचितप्रसृमरयशःसंभारेण भ्रातृ-साहराजदेव-साह वोलिय-साह-जेहड-साह-लषपति-साह-गुणधर-पुत्ररत्नसाह-जयसिंह-साह-जगधर-साह-सलषण-साह-रत्नसिंहप्रमखपरिवारसारण श्रीजिनशासनप्रभावकेण सकलसाधर्मिकवत्सलेन साहजेसलसुश्रावकेण कोद्दडिकास्थापनपूर्व श्री श्रावकपौषधशालासहितःसकलविधिलक्ष्मीविलासालयः श्रीअजितस्वामिदेवविधिचैत्यालयः कारित आचंद्रार्क यावन्नन्दतात् शुभमस्तु श्रीभूयात् श्रीश्रमणसंघस्य।।छ।।श्रीः।। 47) चन्द्रप्रभः संवत् 1376 कार्तिक सुदि 14 श्रीपत्तने श्रीशांतिनाथविधिचैत्ये श्रीचन्द्रप्रभस्वामिबिंबं श्रीशत्रुजययोग्यं श्रीजिनचंद्रसूरिशिष्यैः श्रीजिनकुशलसूरिः प्रतिष्ठितं कारितं स्व-पितृ-मातृ सा. धीणा सा. धन्नी सा. भुवनपाल सा. गोसल सा. खेतसिंह सुश्रावकैः पुत्र गणदेव-छूटड़ जयसिंह-परिवृतैः। 48) शान्तिनाथ-पञ्चतीर्थीः ॐ संवत् 1379 मार्ग. वदि 5 प्रभु श्रीजिनचंद्रसूरिशिष्यैः श्रीजिनकुशलसूरिभिः श्रीशांतिनाथबिंबं प्रतिष्ठितं कारितं च सा. पूना पुत्र सा. सहजपाल पुत्रैः सा घाघल गयधर थिरचंद्र स्वपितृपुण्यार्थं।। 49) महावीर-एकती H ___ ॐ सवत् 1309 (? 1379) मार्गशीर्ष वदि 5 श्रीजिनचंद्रसरिशिष्यैः श्रीजिन-कुशलसूरिभिः श्रीमहावीरदेवबिंब प्रतिष्ठितं कारितं च स्वश्रेई (य) से भण. ( इतिहास के आइने में - नवाङ्गी टीकाकार अभयदेवसूरिजी का गच्छ /130 )
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