Book Title: Itihas Ke Aaine Me Navangi Tikakar Abhaydevsuriji Ka Gaccha
Author(s): Bhushan Shah
Publisher: Mission Jainatva Jagaran

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Page 135
________________ ___72) चारुचन्द्रसूरिमूर्तिः 1) संवत् 1383 वर्षे ज्येष्ठ वदि 8 गुरौ रौद्र2) पल्लीय श्रीचारुचंद्रसूरीणां मूर्तिः.... कु..... म 3) चंद्रशिष्य बुद्धिनिवास कारापिता।। (अष्टापदमंदिरे पाषाणस्थते स्थिता साधुभिमूर्तिः सन्मुखे चामरधारश्च साधुमूर्तिर्मस्तकोपरितनभागे जिनमूर्तिः।।) 73) चारुचन्द्रसूरि-मूर्तिः संवत् 1383 वर्षे ज्येष्ठ वदि 8 गुरौ रौद्रपल्लीय श्रीचारुचंद्रसूरीणां मूर्ति वा. कुमुदचंद-शिष्य वा. बुद्धिनिवासेन कारापिता।। 74) पार्श्वनाथ-पञ्चतीर्थीः / / 60 / / संवत् 1383 वर्षे फाल्गुन वदि नवमी दिने सोमे श्रीजिनचंद्रसूरिशिष्य श्रीजिनकुशलसूरिभिः श्रीपार्श्वनाथबिंब प्रतिष्ठिता कारितं दो. राजा पुत्रेण दो. अरसिंहेन स्वमातृः पितृः श्रेयोर्थं।। ___75) आदिनाथ-पञ्चतीर्थीः सं. 1384 माघ सुदि 5 श्री जिनकुशलसूरिभिः श्रीआदिनाथबिंब प्रतिष्ठितं कारितं च सा. सोमण पुत्र सा. लाखण श्रावकेन भावग हरिपाल युतेन। 76) अम्बिकामूर्तिः ॐ।। सं. 1384 माघ सुदि 5 श्रीजिनकुशलसूरिभिः प्रतिष्ठितं कारितं च...... सा. उ...........पाली स।। 77. पञ्चतीर्थीः ॐ।। सं. 1384 माघ सुदि 5 श्रीजिनकुशलसूरिभिः प्रतिष्ठितं कारितं च..... सा. उ......... पाली स।। 72. अनुपूर्ति लेख, शत्रुजयः श. गि. द., लेखांक 533 73. देहरी क्रमांक 268/2-शत्रुजयः श. गि. द., लेखांक 101 74. सुपार्श्वनाथ जिनालय, नाहटों में, बीकानेर: ना. बी. लेखांक 1767 75. चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर: ना. बी. लेखांक 299 76. पार्श्वनाथमंदिर, श्रीमालों की दादाबाड़ी, जयपुरः प्र. ले. सं., भाग 1, लेखांक 124 77. बड़ा मंदिर, नागोरः जिनहरिसागरसूरि लेख संग्रह अप्रकाशित इतिहास के आइने में - नवाङ्गी टीकाकार अभयदेवसूरिजी का गच्छ /135

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