Book Title: Dravya Gun Paryay no Ras Ek Darshanik Adhyayan
Author(s): Priyasnehanjanashreeji
Publisher: Priyasnehanjanashreeji

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Page 429
________________ 409 क्रम | स्वभाव के नाम धर्मास्तिकाय अधर्मास्तिकाय आकाशास्तिकाय जीव पुदगल काल नय - - ARTHI अस्तिस्वभाव 2 | नास्तिस्वभाव 3 | नित्यस्वभाव | अनित्यस्वभाव | एकस्वभाव | अनेकस्वभाव | भेदस्वभाव | अभेदस्वभाव | भव्यस्वभाव अभव्यस्वभाव 11 | परमभावस्वभाव 6 | | चेतनस्वभाव 13 | अचेतनस्वभाव | स्वद्रव्यादि ग्राहक द्रव्यार्थिक नय से परद्रव्यादि ग्राहक द्रव्यार्थिक नय से । 1 1 | | सत्ताग्राहक द्रव्यार्थिक नय से 1 | 1 | 1 | 1 | पर्यायार्थिक नय से। 1 | 1 1 1 | 1 | | भेदकल्पना रहित द्रव्यार्थिक नय से भेदकल्पना सहित द्रव्यार्थिक नय से भेदकल्पना सापेक्ष द्रव्यार्थिक नय से 1 | 1 | 1 | 1 | 1 | अभेदकल्पना सापेक्ष द्रव्यार्थिक नय से परमभाव ग्राहक नय से | 1 | 1 | 1 1 | 1 | 1 | परमभाव ग्राहक नय से 11 परमभाव ग्राहक नय से परमभाव ग्राहक नय से जीव में और असद्भूतव्यवहार नय से पुद्गल में धर्मादि पांचों में परमभाव ग्राहक नय से, जीव में असद्भूतव्यवहारनय से । परमभाव ग्राहक नय से पुद्गल में, असद्भूतव्यवहार नय से जीव में परमभाव ग्राहक नय से धर्मादि पांचों में, असद्भूत व्यवहारनय से परमाणु में परमभावग्राहक नय से काल और परमाणुमें भेदकल्पनारहित शुद्ध द्रव्यार्थिकनय से धर्मादि चार में 1 | 1 | 1 | 1 | 1 | भेदकल्पना सापेक्ष द्रव्यार्थिक नय से धर्मादि पांचों में उपचार से परमाणु में | 1 | 1 | x | शुद्धाशु शुद्धाशुद्ध द्रव्यार्थिक नय से x | x | 1 | 1 | x शुद्ध द्रव्यार्थिक नय से | अशुद्ध द्रव्यार्थिक नय से | 1 | 1 | 1 | 1 | 1 | 1 | असद्भूत व्यवहारनय से 16_16_ 18 21 21 15 14 | मूर्तत्वस्वभाव 15. | अमूर्तत्वस्वभाव 1 / 1 16. एकप्रदेशस्वभाव 17. | अनेकप्रदेशस्वभाव 19. 18. | विभावस्वभाव | शुद्ध स्वभाव अशुद्ध स्वभाव उपचरित स्वभाव कुल स्वभाव Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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