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। लाट वासुदेवपुर या श्री वीर नोलम्ब जींसह
जतिंग रामेश्वर प्रशस्ति
छायानुवाद । कल्याण हो । जब के समस्त संसारका स्तुतिपात्र-महामोदय-पल्लवान्वय पृथिवी बल्लभ महाराजाधिराज परमेश्वर-परं माहेश्वर-विदग्ध विलासिनी विलोचन चकोर चंद्र साक्षात देवेन्द्र राजविद्या भुजंग–अनन सिंग-श्रीमान लोक्यमल्ल नोलम्ब पल्लव परमनादी जयसिंह देव गोन्दावाडी सिनिर के बहिर्भूत स्थित होकर शासन करते थे।
उस समय विरोधि संवत्सर शक ६६३ के फालगुण अमावस्या बुधवारको वलगोती तीर्थके श्री रामेश्वर देव के भोगराग पूजन अर्चन निर्वाहार्थ कनेयकाल शत विषयान्तवर्ती बानेकाल नामक अमृत राशी को जलधारा पूर्वक प्रदान दिया।
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