Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 03
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
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भारत-भैषज्य-रत्नाकरः
तृतीयो भागः
॥ श्री धन्वन्तरये नमः ॥ अथ मङ्गलाचरणम्
परात्मानमेकं जगबीजमाद्यम्
निरीहं निराकारमोकारवेधम् । यतो जायते पाल्यते येन विश्वम्
तमीशं भजे लीयते यत्र विश्वम् ।
अथ दकारादिकषायप्रकरणम् (दृष्टव्य-कषाय प्रयोगों में जिन ओषधियोंको मात्रा न लिखी हो वह सब समान भाग मिलाकर २ तोले लीजिए और आधा सेर पानीमें पकाकर आध पाव शेष रहने पर छान लीजिए । विशेष व्याख्याके लिए भा. भै. र. प्रथम भाग पृ. १ अवलोकन कीजिए।
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