Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 01
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रकाशकीय आज से पांच-छः दशक पूर्व उत्तर गुजरात के ऊंझा-जनपद-स्थित "ऊँझा आयुर्वेदिक फार्मेसी” नामक आयुर्वेदीय औषधालय के अध्यक्ष रसवैद्य नगीनदास छगनलाल शाह द्वारा पांच भागों में प्रकाशित इस ग्रंथ का जनता की मांग पर पुनर्मुद्रण प्रस्तुत करते हुए हमें हर्ष हो रहा है। आयुर्वेदीय साहित्य में फार्माकोपिया के अभाव को ध्यान में रखकर इस ग्रंथ को परिश्रमपूर्वक तैयार किया गया था और आज भी यह ग्रंथ उतना ही उपयोगी है जितना तब था। इसमें क्वाथ, चूर्ण, अवलेह, गुटिका, घृत, तेल, रस इत्यादि प्रकरणों में विभक्त दस सहस्र से अधिक प्राचीन एवं अर्वाचीन प्रयोगों का संग्रह सैकड़ों ग्रंथों का मन्थन करके किया गया है। इस ग्रंथ में कोश-शैली का अनुसरण किया गया है जिससे इष्ट प्रयोग बिना किसी कठिनाई के ढूढा जा सकता है। एक और लाभ इस शैली का यह है कि भिन्न-भिन्न ग्रंथों और पृथक्-पृथक् अधिकारों में एक नाम के जितने प्रयोग पाए जाते हैं वे सब इसमें एक ही स्थान में आ गए हैं। उद्धरण जिन ग्रंथों से लिए गए हैं उनके नाम एवं अधिकार भी दे दिए गए हैं। रोगानुसारिणी सूची "चिकित्सा-पथप्रदर्शिनी" नाम से अंत में दे दी गई है, जिससे ग्रंथ की व्यावहारिक उपयोगिता बहुत बढ़ गई है। प्राशा है कि पाठक हमारे इस प्रयास का अवश्य स्वागत करेंगे। For Private And Personal Use Only

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