Book Title: Bhaktamara Mahamandal Pooja Author(s): Somsen Acharya, Mohanlal Shastri Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad View full book textPage 3
________________ श्री भक्तामर महामण्डल पूजा जैन समाज के पपिकांश संस्कृत-विद्या विटीन नर-नारियों और चालकों को उसी अपूर्व अमृत का रसास्वादन कराने की कल्याणमयी कामना से हमारे समान मन्य भी अनेक जैन विद्वान् लेखकों और मुकवियों ने इस काव्य-अन्य की विविध टोका और अनुवाद करके साहित्पश्री में अभिवृमि को है। इस कृति से संस्कृतानभिज्ञ पाठक-पाठिकानों को बही रसास्वाद और मानन्दानुभव होगा जो मूल-प्रन्थ के पनने वाले संस्कृतज्ञों को होता है। प्रचार की दृष्टि से प्रस्तुत पुस्तक को अधिक उपयोगी बनाने के लिए इसमें ऋद्धि-मंत्र-विधि पोर उमके फल के साथ-साथ महामुनि सोमसेन कृत 'भक्तामर महाकाव्य मंडल पूना' भो जोड़ी है । यह पूजा अभी तक की प्रवाशित तमाम भक्तामर संस्कृत पूजात्रों से भिन्न है। श्री रसमलाल जी डिबगर कृत अंग्रेजी का अनुवाद दे देने से इस पुस्तक की उपादेयता और भी बढ़ गई है।Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 107