Book Title: Bhagwan Mahavir
Author(s): Chandraraj Bhandari
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 11
________________ ८० १७ अंकर अन्तर ८० ११ अत्तर अन्तर ८३ ९ नहपान नहयान ८४ १५ बीर बीच ८५ १७ नगरी नगरी का ८६ १९ न्याय नाय ९० ७० लोगों के लोगों को ९४ १८ शब्द के आगे दत्त । शब्द के आगे दत्त शब्द का प्रयोग नहीं होता दिन, ९५ ९ करके कहके ९५ १० उपाहोह उहापोह ९५ १२ निष्कर्म निष्कर्ष ९६ १४ यदि ९७ २३ उपदेशा उपदेशों ९९ ३ त्रिरान त्रिरत्न १११ ७ उनके लोगों के ११५ १५ और और उन ११७ ७ अखण्ड राज्य वैमन के त्याग के ११९ २४ अबन शाला अहन शाला १२३ २३ निष्कर्म निषकर्ष (होती है त्यों २ अधिकाधिक १३५ २१ होती... ... विपत्तियों का समूह उसपर (उतरता है १३६ १० बात में ... बात को १३७ १४ मनुष्य के ... मनुष्य के अन्तर्गत Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat ___www.umaragyanbhandar.com

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