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शुद्धि पत्र इस ग्रंथ में संशोधकों की दृष्टि दोष से यत्रतत्र कुछ अशुद्धियां रह गई हैं उनके लिये हमें खेद है । आशा है पाठक उन्हें सुधार कर पढ़ेंगे । इस स्थान पर हम उन थोड़ी सी मोटो २ अशुद्धियों का शुद्धिपत्र दे रहे हैं जिनसे भावों में अंतर आने का डर है । पृष्ठ पंक्ति अशुद्ध
शुद्ध ४७ २ इस
इन ५० १२ प्रस्पोटिक
प्रस्पोटित ५१ १२ क
मजाक ५४ ९ या ५७ ११ प्राणी को
प्राणो की ६० १५ प्रताप ही के प्रताप ही से ६४ १० अब
जब ६४ ८ प्रोटेस्सेन्ट प्रोटेस्टेन्ट
२४ विहिताश्रम विहिताश्रव २२ ज्ञानीपुत्र
ज्ञातिपुत्र ६६ २ महापगा
महापग्ग ६७ ३ बात है
बात है जब ६८ १६ अनुमती
अनुमति ६९ १६ कोसिश
कोशिश ७१ ७ कल्यनाएं
कल्पनायें ७२ १६ उपदेशों के उपदेशों का ७२ १६ इतिहास का इतिहास को १ आचार्य
आचौर्य ७३ २३ प्रतिस्पर्धी प्रतिस्पर्धा ८० ९ हिलाब
हिसाब
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