Book Title: Arya Shatak
Author(s): Mudgalacharya
Publisher:
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुआ इरानीस्वस्मिन्नपराधत्वमगीरुत्याहममकोवापराधाइति अयोनि हेराघवतथ्यंवदसत्यंब्रूहि तवा स. यंकोपःनिर्दयत्वव्यंजकलक्षण केनमदपराधैनेतिवद हेदाशरथे तवदशरथपदयोःशपथ यदिस त्यंनवदसिवाअन्यथावदसितवकोष्यराधोनास्तीत्यन्यथापादोनकर्तव्यइनिभायः मातृर्वसियादि। अयिवदराघयतथ्यंकोपायंकेनमदपराभेन॥शप थस्तेदाशरथेदशरथपदयोर्यदन्यथाब्रूषे॥१०॥ गुरुनपरिहत्यदशरथपदयोरेशपथ किमितिचेत्मावृणामाज्ञामथगुरुणांवसिष्ठादीनामाज्ञा मनंगीसत्यात्यादरेणपितुर्दशरथस्यैवाज्ञायास्त्रीरुतलासुत्रधर्मपरिनिष्ठिताजावतोवाक्यकरणमि त्यादिरूपगुर्वथैत्यक्तराज्योदशरथस्यार्थसंत्यक्तराज्यादिवेभवोरामस्तचरणयोःशपथेदत्तेनान्तंबदि For Private And Personal Use Only

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