Book Title: Arya Shatak
Author(s): Mudgalacharya
Publisher:
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ननुवंदोषान्वदसिकिमित्याचरसित।रानीपापिपापनकर्तव्यमितिलोकसमक्षंवदन्नपिकरो |तिएवंसदृष्टांतमह कुरिति कुरुमासाहसमित्थंजल्पन्साहसंनकर्त्तव्यमिनिजल्पनवदनपक्षीप क्षिविशेष सयंपाषाणभिनत्येवविदारयत्येवजानिस्तभावान्तहलापनिंदाभिपापंकुत्सितमि कुरुमासाहसमित्यंजल्यन्पक्षाभिनत्तिपाषाणं॥तद्वत्स हजैदेषैिःपापंनिंदामिरामकुर्वेच // 32 // 5 निवदामिकरोमिचेचदुष्टस्वभावानरामलयामरिषयकिरणीयमित्यर्थः॥३२॥ ननुचंदनतरु संसर्गेमचंदनोपितरुनंदनोभवतितथामन्यनजपा दिनामसंसर्गेअरोषस्यादेवेतिचस्वभाव सिरदोषाअपरिहरणीयाःप्रयलशेतैरपीत्याशयेनाहः मृगमदभूमाविति मृगमरभूमौजनिताक For Private And Personal Use Only

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