Book Title: Arya Shatak
Author(s): Mudgalacharya
Publisher: 

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Page 43
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुआ. दृष्टिःमदोन्मतस्तिर्यगुभूति-पशयोनिएवंभूनोपिस अधमयोनिरपिरक्षितइतिवपरीत्यमेकंअन्यच्चा सरी 21 दातादानशूरम्सेवककुलजश्रमहादवंशोयोपिबलिवयापातालेबरम्नागपाशैर्बधास्थापितइद / मपिवैपरीत्यमत्तोधिपरीतकर्तृत्वमपित्वय्यस्तीतिभावः॥५६॥अन्यदपिविपरीतकर्तृत्वरावणादि उन्मोचितोगजेंदोमदांधदृष्टिश्चतिर्यगुभूतिः।।दाता सेवककुलजःपातालेचत्वयाबलिदः॥५६॥ 5 दर्शयति उहत्तचित्तवृत्तिरिति उद्दत्तचित्तवृत्तेर्दुचरितस्यपरदारहरणवृत्तर्दशास्यस्यरावण स्योत्तमलोकस्थितिवैकुंठपातिरन्यच्चदशरथसंज्ञस्पविभोधराधीशस्याच्चैस्तरांमहानथापानक | 21 |ल्पितनिर्मित इदमेकंदशरथराज्ञोधःपात ममेवंभाति॥अधःपातस्यकुत्राप्यश्रुतत्वादत्रसूक्तत्वा।। For Private And Personal Use Only

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