Book Title: Arya Shatak
Author(s): Mudgalacharya
Publisher: 

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Page 48
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इदानीस्वामिनामग्रेबहुधा_मनुचितमित्याशयेनाह अथवेति अथवापक्षांतरेअहोइतिवेदेकिंबहू जल्पेनप्रमोःपुरतःस्वाम्यग्रेधार्थ्यधृष्टत्वमिहास्मिन्विषयेकिमुचितंनोचितमित्यर्थःकुतोनोचितमि त्याह जन्मप्रबंधइति जन्मप्रबंधसिद्धाउसत्तिपरंपराश्रितान्दोषा:पुराणपापलक्षणाआधीनांचि अथवाहोकिंबहुनाधाटयकिमिहोचितंपभोम्पुरतः॥ जन्मप्रबंधसिद्दाअधीनांयांतिमूलत्तांदोषाः॥६३॥ तविक्षेपलक्षणानांमूलनांहेतुत्तांयातिप्रामुवति जन्मांतरलतादोषा एवसरवदुःखहेतवइतिक्षा वः॥६३॥ इदानींजन्मांतरेवावर्तमानजन्मनिवातवाराधनहीनस्यकथपेष्टप्राप्तिरित्याशयेनाहना राधितइति नाराधितोनसेवितःपूर्वपूर्वजन्मनिकचिदपिकदापीदानीसांप्रतमपिनाराधयाम्येकांत For Private And Personal Use Only

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