Book Title: Arhat Vachan 2000 10
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

View full book text
Previous | Next

Page 6
________________ अहिंसा ही विश्व में शांति का उपाय - 0 इन्दु जैन पुस्तक समीक्षा/REVIEW 'युगनिर्माता भगवान ऋषभदेव' द्वारा आचार्य श्री कनकनंदीजी - आ. ऋद्धिश्री माताजी 'वर्द्धमान पञ्चांग' द्वारा पं. महेशकुमार जैन शास्त्री ___- महेन्द्रकुमार जैन 'मनुज' अनुरोध जैन तीर्थक्षेत्रों के प्रबन्धकों से प्रार्थना - खिल्लीमल जैन गतिविधियाँ ध्यातव्य 1. अर्हत् वचन में जैन धर्म / दर्शन के वैज्ञानिक पक्ष तथा जैन इतिहास एवं पुरातत्त्व से संबंधित मौलिक, शोधपूर्ण एवं सर्वेक्षणात्मक आलेखों को प्रकाशित किया जाता है। 2. शोध की गुणात्मकता एवं मौलिकता के संरक्षण हेतु दो प्राध्यापकों अथवा पारम्परिक विषय विशेषज्ञों से परीक्षित करा लेने के उपरान्त ही आलेख अर्हत् वचन में प्रकाशित किये जाते हैं। 3. शोध आलेखों के अतिरिक्त संक्षिप्त टिप्पणियां, अकादमिक संगोठी/ सम्मेलनों की सूचनाएँ / आख्याएँ, आलेख एवं पुस्तक समीक्षाएँ, विशिष्ट गतिविधियां, विशिष्ट अकादमिक पुरस्कारों एवं प्रकाशनों की सूचनाओं को भी प्रकाशित किया जाता है। सम्पादकीय पत्र व्यवहार का पता - डॉ. अनुपम जैन, सम्पादक - अर्हत् वचन कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, 584, महात्मा गांधी मार्ग, तुकोगंज मेन रोड़, इन्दौर - 452001 फोन : (का.) 545421 (नि.) 787790 WGRIGT SICH / SUBSCRIPTION RATES व्यक्तिगत संस्थागत विदेश INDIVIDUAL INSTITUTIONAL FOREIGN वार्षिक / Annual रु./Rs. 125%D00 रु./Rs. 250%D00 U.S.$ 25 = 00 आजीवन / Life Member रु./Rs. 1000=00 रु./Rs. 1000=00 U.S. $ 250=00 (10 वर्षों हेतु) पुराने अंक सजिल्द फाईलों में रु. 500.00/u.s. 50.00 प्रति वर्ष की दर से सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं। सदस्यता शुल्क के चेक / ड्राफ्ट कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ के नाम इन्दौर में देय अरविन्दकुमार जैन, प्रबन्धक - कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर को ही प्रेषित करें। अर्हत् वचन, अक्टूबर 2000

Loading...

Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 104