Book Title: Aradhana Swarup
Author(s): Dharmchand Harjivandas
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

View full book text
Previous | Next

Page 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - अनुसरीने हाल तो दाननी रकमोनो उपयोग विद्यादान, शाम्रदान, जीर्णोद्धार अने जीवदया माटेज करवो जरूरनो छे. आपणे इच्छीशुं के आरु. १५००) ना दान- अनुकरण आपणा बीजा भाईओ करशेज. वीर सं. २४४१ । जैनजातिसेवकज्येष्ठ बदी २ । मूलचंद किसनदास कापड़िया ता. १७-६-१६ सूरत. स्वर्गवासी शेठ ठाकरसी नत्थुभाश्ना जीवननी ट्रक माध. रत्नो धूळमाथी मळी आवेछे, एवी आपणी परापूर्वन्त गुजराती कहेवतने स्वीकार्या सिवाय चालशे नहि. आजथी दश वर्ष पहेलां भारतवर्षने एवां स्वप्नो पण नहि आवेलां के देशसुधारानी प्रगतिमां आटलो आगळ वधारो थशे, पण आजकाल हिंदमां हस्ती धरावती संख्याबंध पारमार्थिक संस्थाओ अने ते सघळा उपर उन्नतिनो झूडो स्थापनार घणाखरा गरीब अवस्थामां उछळी, अचानक बहार आवी, महान पुरुषोमां गणना पामेला जणाया छे. तेमनां सत्कार्यों तथा आनंदमंगळनी महुलीओ देशना वनाओने वारसारूप छे. अत्यारे जे व्यक्तिना जीवनप्रदेश तरफ आपणे वळीए छीए, ते व्यक्ति महान पुरुषोना पत्रकमां नाम नोंधावी गयेल नथी, तेम तेवा प्रसंगो अने संयोगोमां तेमनुं उछळवू पण थयु नहोतुं, महद् भाग्य ने महद इच्छाना तेओ साधक नहोता, एटले सर्वसाधारण पण स्वच्छतादर्शक हतुं. उपर जणाव्या मुजब तेओ महान पुरुष नहोता, पण महान पुरुषोना गुणोनो कईक अंश तेमनामां हतो, एम निर्विवाद लखवू पडेछे. For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61