Book Title: Aradhana Swarup Author(s): Dharmchand Harjivandas Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia View full book textPage 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गमे तेवी हालतना पण चारित्रवान पुरुषोने बहार लाववानी भावना जैन प्रजाना हृदयतटपर चित्राववी जोईए.. श्रीमंतोना करोडो रूपिया करतां स्वाश्रयी साधारण मनुष्यना सो रुपीआ वधारे बरकतवाळा होय छे, ए दाखलो अंतरमा उतारी वांचके स्वर्गवासी ठाकरशीभाईना अवसान समयनी दान-व्यवस्था तरफ दृष्टि करवानी छे. छेक्टमां मारा मित्र रा. वताना शब्दोमांज वांचकने ध्यानमा राखवा सोनेरी कलम हस्तगत करावी विलोकी शेठ ठाकरसीभाईना आत्माने पुनः पुनः शांति याचतो विरमीश. __ "उच्च कोटीनांजीवनचरित्रो अवलोकवां अने आचरणमां मूकवां ए वांचकना भावी उदयनो अनुपम आरसो छे" नीचेनी तेमनी दान व्यवस्था तरक नजर फेरवीशु१७५) गरीबोने अनाज, कपडां तथा पशुओने घास विगेरेमां. १२५) जीवदयामां. २५) तेओना अवसाननी तिथिए कसाईवाडे जीव छोडाववा सारु. १००) तेओभीनी अवसानतिथिए हर वर्षे घोघामा माछ लानी जाळ छोडाववामां ते रकमना व्याजमांथी उपयोग. १५०) भावनगरना दहेरासरजी माटे इंद्रध्वजानी गाडी करावी. १२५) भावनगरना दहेरासरजी माटे चांदीनुं तोरण कराववामां. ५०) भावनगरना दहेरासरजीमां दर साले अमुक तिथिए अभि षेक, पूजा तथा प्रभावना तेना न्याजमांथी थाव. १००) भावनगरमां विद्यानंदगुरुनां पगलां गाम बहार छे तेना जीर्णोद्धारमां. For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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