Book Title: Aradhana Swarup
Author(s): Dharmchand Harjivandas
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 51
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दिगंबर जैन । प्रश्न-६३ सलाका पुरुष किसको कहते है ? उत्तर-नव नारायण, नव प्रति नारायण, नव बलभद्र, बारा चक्रवर्ती और चौवीस तीर्थंकर। दो इंद्रिसें पंचेंद्रि तककी पीछान ॥ शंख सीपो ने अळसीया, कुरमी कीतक जोय । जलो वाळो अलबधीया, भादरवा बहु होय ॥ १ ॥ जीव बे इंद्रि ये कह्या, इयेल देह याद । तेह तणी रक्षा करो, मुकी सकल प्रमाद ॥ चांचड मांकड जूं बहु, मंकोडा मन आण । वीछु कीडी कंथुवा, ए इंद्रि जाण ॥ २ ॥ डंम मंस माखी घणी, भमरा तीड पतंग । इ आदे बहु विधि कह्या, चौ इंद्रि जीव चंग ॥ ४ ॥ नरक पशु सुर भानवी, चौगतिमें उपजंत । अस पंचेंद्रि ये कह्या, जाणी करो जतन ॥ ५ ॥ प्रश्न-रत्नत्रय किसको कहते है ? उत्तर–सम्यक् दर्शनजी, सैम्यक् ज्ञानजी और सम्यक् चारित्रजी। प्र०–सम्यक् दर्शन किसको कहते है ? उ.-रागादिक मिटावनेका श्रद्धान होय सोइ श्रद्धान सम्यक् दर्शन है। प्रश्न-सम्यक्ज्ञान किसको कहते है ? For Private And Personal Use Only

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