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२०१४
वळी पूज्या अयसी सहस वरस लगे अमे रे के स. अह वातनो संदेह आणो रखे तुम रे के आ. पछिम केरो राय वरुण नामें जिहां रे के व. मरगी रोगने टालवा माटें दीधी तिहां रे के मा. ६ काळ घणो पुजी तिहां मलेच्छाण थयो यदा रे के म. तिहां आणी देवल करी बिसारी तदा रे के बि.. देस विदेसना संघ आवि मलि घणां रे के सं. ईम सांभली उपदेस ते गुण प्रतिमा तणा रे कें गु. ७ कृष्णने मनमें अति घणु आवी धारणा रे के आ. लळी लळी लागें पाय नें लीई उंवारणा रे के ली. धन्य घडी धन्य आजुनो दीवस अमे आवीया रे के अ. लेखे थयो अवतार दरसण पावीया रे के द. ८ अहवी मूरति द्वारिका मांहे जो होवे रे के द्वा. अलिअविघन जाय दूर कें चिंता सवी खोवे रे के चि. नाग गया निज ठांम के नागणी सवी मलि रे के ना० कृष्णे तेडी संघ जिमाड्या साजन वली रे के जि. ९ करि ओच्छव अनेक कें प्रतिमानें तिहां थकी रे के प्र. आणी द्वारिका मांहे के लोक मुखे चकीं रे के लो. सातमी ढाळ रसाल विजयें करी रे के ने. आगळ जे होई वात सुणो भवीअण सही रे के सु. १०
॥ ढाल
लुयरनी देशी ॥
घणा काल लगें पूजी हो के केसव हर्ष घणें, आवीने ओक दीन हो शेषनाग ओम भणें; सूहणो अक सेठनें हो वात कहें सही, प्रतिमाने मूके जो हो सायर जलमें वही. १ तो स्या माटें तुमने हो कहु छु ओम भणी, द्वारिका नगरि हो अलि छे अगन तणी;
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