Book Title: Anusandhan 2014 03 SrNo 63
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 136
________________ १३० अनुसन्धान-६३ आठमतं पाखीना पचखांण. भुलचुकनो आगार ने बारमाए जावो पडे ने आठमतं पाखी होए तेनो पचखांण छे. पांचमुं अणुव्रत थूलाओ परिगाहीओ वेरमणं. नवविध परिग्रहानो मान कीधो छे, तेनी वीगत. १. क्षेत्र केतां उघाडी भोमका क्षेत्र तथा वाडी आदि धरती पराजा ५ ___उपरान्त पचखांण छे. २. वत्थू केतां ढांकी भोमका, घरहाट, वखार आदि नंग-२५ उपरान्त पचखांण छे. ३. हिरण केतां रूपो थाले राखवो पडे तो सेर तथा मण ०|| उपरान्त __ पचखांण छे. ४. सुवन्न केतां सोनु थाले राखवो पडे तो सेर १५ उपरान्त पचखांण. ५. धन केतां रोकड नाणु मोरबंध सर्वे थईने ए राखवू पडे तो कोरी हजार ७५, उपरान्त०. ६. धांन केतां धांन सर्वे जात मांहेथी थाले राखवु पडे तो वरस १ मध्ये __ कलसी १०, उपरान्त पचखांण छे. ७. दोपद केतां दास दासी वेचाता लेइ राखवा पडे तो नंग-२ उपरान्त पचखांण. तेमां अनुकंपाने कारणे पेटवडीओ राखवो पडे तो आगार छे. उपरान्त पचखांण छे. ८. चोपद केतां चोपानो मांन कीधू छे. १. .गाय वेलासहित नंग ४. । २. भेस वेलासहित नंग २. ३. बकरी वेलासहित नंग १०. ४. रढ वेलासहित नंग १. ५. बलदनी जोड २. ६. घोडाघोडी १. ७. उटउव(ट)डी १. एणी रीतें चोपांनो मांन कीधो छे. तेमा मरी जाए तो बीजो लेवो पडे तं, लेणा लेखामां आवे तेनो आगा० ९. कुवइ केतां घर वखारो त्रांबरछ सर्वे थइने राखवो पडे तो कोरी हजार २५नो. उपरान्त पचखांण. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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