________________ मजदूरोंसे राजनीतिज्ञ [ले०-बाबू माईदयाल जैन, बी. ए. बी. टी. ] पाक ज़माना था जब कि राष्ट्रोंके भाग्य-विधाता-कुछ कान्तके पाठकोंके लिए यहाँ दिया जाता है:-- इने गिने प्रसिद्ध तथा उच्च घरानोंसे सम्बन्ध जर्मनीका डिक्टेटर हर हिटलर ईट-मिट्टी दोनेवाला रखते थे और साधारण जनताके लिए उन पदोंकी मज़दूर था और बादमें वह वीश्रानामें मकानोंको रंगने आकाँक्षा करना 'झोपड़ीमें रहना और महलोंके स्वप्न का काम करता था। देखना' समझा जाता था। किन्तु इतिहास ऐसे उदा- इटलीका डिक्टेटर मुसोलिनी एक कसाईका नौकर हरणोंसे भरा पड़ा है जिनमें व्यक्तित्वशाली, पराक्रमी था और अपने काममें असफल था। तथा वीरपुरुषोंने अत्यन्त साधारण स्थितिसे उठकर एस्थोनिया-जो कि बालटिक समुद्र के किनारे एक महानता प्राप्त की और राज्यों तकको हासिल किया है। छोटी सी रियासत है-का प्रेजीडेण्ट कौनस्टैटिन पैट्स उनके संचालन में महत्वपूर्ण कार्य किया है / भारतवर्ष में एक मकान बनानेवालेका लड़का है और वह पहले चाणक्य, हैदरअली, शिवाजी, क्लाइव, वारनहैस्टिंगस, समाचारपत्रोंमें काम करके अपनी आजीविका कमाता इंग्लैण्ड में रैम्जेमैकडानल्ड, फारिसमें नादिरशाह, फ्रांसमें था। उसकी अपनी बहुत ही थोड़ी सी भूमि है। नेपोलियन, इटलीमें मैज़ेनी, अमेरिकामें अब्राहमलिंकन कौनस्टैण्टिनका दायाँ हाथकार्ल ऐनशपलू अान्त आदि ऐसे बहुतसे प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ, मंत्री तथा राजा रिक मंत्री भी समाचार पत्रोंके दफ्तरमें काम करनेवाला. हुए हैं जिनके नाम आज भी सबको विदित हैं। था। प्रजातंत्रवादके इस युगमें अाज साधारणसे सा- डेन्मार्कका प्रधान मन्त्री थौरवाल्ड स्टानिग लुहारधारण मनुष्यको भी बड़ा बनने के उतने ही मौके मिल का लड़का है / और उसे बारह वर्षकी छोटी उम्रमें ही सकते हैं जितने कि बड़े आदमियोंको / इस बातसे तम्बाकूके कारखाने में काम करने जाना पड़ा था। ग़रीबोंको प्रोत्साहन मिलना चाहिए कि उनके लिए भी किन्तु उसमें महत्वाकांक्षा थी। शीघ्र ही वह समाचारबड़ेसे बड़े पदोंके लिए द्वार खुला हुआ है। प्रश्न पत्रोंमें लिखने का काम करने लगा। अब भी वह केवल योग्यता प्राप्त करने का है। डेन्मार्केके प्रसिद्ध समाचारपत्रके सम्पादकमंडलमें है / अभी इस सितम्बरके (Illustrated Weekly स्वीडनका प्रधान मंत्री पी०ए० हैनसन ईट बनाने. of India) 'इल्लस्ट्रेटेड वीकली ऑफ़ इण्डिया' में वालेका लड़का है और उसे बचपनमें हो वह काम एक लेख छपा है, जिसमें वर्तमान यूरूपके कई देशोंके करना पड़ा था। इसके पश्चात् उसने भी समाचारडिक्टेटरों, प्रधानमंत्रियों तथा राजनीतिज्ञोंका हाल पत्रोंके लिए लिखना प्रारम्भ किया। निकला है, जो कि अपनी बाल्यावस्थामें अत्यन्त सा- नारवेका प्रधानमन्त्री जौहन नटयार्डसवोल्ड मज़धारण मज़दूर या कृषक थे। उस लेखका सारांश अने- दूर तो नहीं पर एक कृषकका लड़का है / उसने लकड़ी