Book Title: Anand Ratnakar Anand Lahri Tippani Sahit
Author(s): Suryodaysagar Gani
Publisher: Agamoddharak Jain Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 7
________________ थागम ज्योत (पू. आगमोद्धारकश्रीना अप्रकाशित व्याख्यानोना प्रकाशन रूप) ना स्थायी कोश, श्रुत संरक्षण समिति (बधा आगमो टीका साथे हाथना बनेल कागळो उपर लहीयानो रोकी लखावी लेवानी योजना) आदिना संस्थापक-प्रेरक पू. गणिवर्यश्री शांतमूर्ति श्री कब्धिसागरजी म. तथा पू. गणिवर्य श्री सूर्योदय सागरजी म. पू. गणिवर्यश्री यशोभद्रसागरजी महाराजश्रीए पू. गमोद्धारक आचार्यदेवश्रीना विद्वद्भोग्य आ ग्रंथना प्रकाशन माटे धर्मप्रेमी गृहस्थोने उपदेश मापी जे आर्थिक सहयोगनो लाभ अपाव्यो छे, ते बदल अमो श्रद्धावनत मस्तके ऋणे पू. गणिवर्यश्रीओनी गुरुभक्तिनी अभिवंदना करीए छीए. छेवटे साचा दिलथी निखालसभावे क्षमा याचना करवानी छ के आ ग्रंथर्नु कार्य पू. महाराजश्रीए वि. सं. २०२० ना चोमासामां तैयार करी प्रेसमा अमारी मारफत आपेल. पण परिस्थितिवश प्रेस बदलाववानी अगवडो तेमज अनिवार्य कारणसर पार्या करतां खूबज मोडं थयु छे. जे अमोने पण शल्यनी जेम खूचे छे. पण साथे ज आवा अनुपम ग्रंथ रत्ननु प्रकाशन करवानो अमूल्य लाभ मळ्यो, ते बदल अमो अमारी जातने धन्य मानीए छीए. - वधुमां खास जणाववायूँ के, आ ग्रंथन प्रकाशन भनेक मुश्केलीओमाथी पसार थयुं छे. मां खास करीने आ ग्रंथना छापकामनी शरुआत ज्ञानोदय प्रेस पिंडवाडामां थयेल, पण संजोगवश ८ फर्मा (६४ पानां) थी काम मटक्यु, पछी अमदावाद नवप्रभात प्रेसमां काम शरु थयु त्यां पण दोढ वर्षमा मात्र बे फर्मा थया, परंतु पछी पू. गणिवर्यश्री अभयसागरजी म.नी सूचनाथी चाणस्मावाला धर्मप्रेमी श्री बाबुलाल केशवलाल शाह (११-नगरशेठ मार्केट, रतनपोळ,अमदावाद) मारफत काम गोठवायु अने खूबज चीवट, खंत अने महेनतथी सुंदर कार्य झडपी करवानुं लक्ष्य राखी मा ग्रंथना वर्षों जुना छापकाममां अमारा मंद थयेल उत्साहने वेगवंत बनाव्यो छे. तेथी बाबुभाई चाणस्मावाला तथा श्री ज्ञानोदय प्रेस,श्री नवप्रभात प्रेस, तथा प्रस्तावना आदि छापनार वसंत प्रेसना तथा तेमना व्यवस्थापक सहयोगीओनां धर्मस्नेहनी हार्दिक अनुमोदना करीए छीए. टाईटलनुं छापकाम सुन्दर रंगीन सहीमा आकर्षक रीते करी आपनार दीपक प्रिन्टरी तथा राइटलनुं सुन्दर चित्र पू. महाराजश्रीनी दोरवणी प्रमाणे बनावी आपनार विशिष्ट कलाकार छता छपा रही कलानी साधना करनार मान्यवर श्री दलसुखभाई शाह (आंबावाडी-रामनगर-साबरमती अमदाबाद-५) मार्टिस्टना धर्मप्रेमनी हार्दिक अनुमोदना करीये छीए. प्रांत विविध तबकाओमाथी पसार थयेल आ कार्यमां दृष्टिदोष के छमस्थसुलभ प्रमादादियो

Loading...

Page Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 ... 188