Book Title: Alankar Mahodadhi
Author(s): Narendraprabhsuri, Lalchandra Bhagwandas Gandhi
Publisher: Oriental Institute

View full book text
Previous | Next

Page 424
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir __ गद्य-पद्यानां मूलस्थलादिज्ञापिका सूची। ३७५ पद्य-प्रारम्भः अत्र पृष्ठे अन्यत्र पद्य-प्राप्ति-स्थलम् घूर्णमाननयनं स्खलत्कथम् ८१ ( सरस्वतीकण्ठाभरणे ५,४५) चकार काचित् सितचन्दनाङ्के ___७५ ( सरस्वतीकण्ठाभरणे ५, १५५ ) चकासे पनसप्रायः १३९ (अलङ्कार चूडामणौ अ. ३, २०९) चकितहरिणलोललोचनाया: २३६ ( काव्यप्रकाशे १०, ३९३) चकोर्य एव चतुरा: २७३ ( चक्राभिधातप्रसभाज्ञयव २८७ (ध्वन्यालोके उ. २, श्लो. २३) चक्री चक्रारपक्तिम् ३३३ (सूर्यशतके श्लो० .७१) चश्चत्काञ्चनकान्तयो लयचलत्। २१२ (पञ्चस्तव्याम् चण्डालेरिख युष्माभिः ३३४ (वामनीये ४, २) चतुरसखीजनवचनैः १७२ (अलङ्कारचूडामणौ अ. ३, ३२९) चत्वारो वयमृत्विजः १३२ (वेणीसंहारे चन्दनासक्तभुजग २६१ ( ध्वन्यालोके उ. २, ३०) चंदमऊहेहिं निसा नलिणी ११० ( ध्वन्यालोके उ. २, ३०) चन्द्रं गता पद्मगुणान्न १६५ ( कुमारसम्भवे स. १, श्ले. ४३) चन्द्रारविन्दयोः कक्षाम् २४३ ( काव्यादर्श . . २) चन्द्रास्तत्र चलन्ति खेलति चरणत्रपरित्राणहिताभ्यामपि १४१ ( काव्यप्रकाशे ७, २९३) चरन्ति चतुरम्भोधि- २७१ ( काव्यादर्श २, ९९) चलापाङ्गां दृष्टिं स्पृशसि _ ९४ (शाकुन्तले .. अ. १, श्लो. २०) चापं पुष्पितचूतपादपलता चापाचार्यत्रिपुरविजयी २४, १५४ (बालरामायणे अ. २, श्लो० ३७) चित्ते चहुट्टदि न खुट्टदि १८ (कर्पूरमञ्जर्याम् चित्ते निवेश्य परिकल्पित- ८५ (शाकुन्तले ... २, ९) चित्रं चित्रं बत बत महत् ३०० ( काव्यप्रकाशे १०, ५३६ ) चिंता (चित्ता) णियदइयसमागममि ८७ (गाथासप्तशत्याम् १,६०) चिरविरहिणोरुस्कण्ठाया ६३ ( अमरुशतके चूअंकुरावयंस छणपसर १०६ (ध्वन्यालोके io hili in llilii For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482