Book Title: Alamban Pariksha Author(s): Dinnaga, Dharmapala, N Aiyaswami Shastri Publisher: Adyar LibraryPage 43
________________ आलम्बनपरीक्षावृत्ति ___19 Hsuan CHUANG'S CHINESE PARAMĀRTHA'S CHINESE VERSION VERSION प्रवर्तते । कदाचित् विषयाकारविज्ञा- तथाहि । सा शक्तिः परिपाकप्राप्ता नाच्छक्तिः सिध्यति । विज्ञान- विज्ञाने पञ्चान्तर्विषयरूपाणि अवमुभयभिन्नं वा उभयाभिन्नं वा अनि- भासयति । इमानि अन्तर्विषयरू र्वाच्यं वा । एव मन्तर्विषयो धर्मद्व- पाणि पुनः पाकान्तरेण विज्ञाने पञ्चेयविशिष्टत्वात् विज्ञानगोचरो भाव्यः॥ न्द्रियशक्तीरर्पयन्ति । इन्द्रियविषय [ख्य] रूपद्वयं विज्ञानाद् भिन्नमभिन्नं वेति" यथेष्टमुच्यताम् । एवं विज्ञानानामन्तर्विषयाकार एवालम्बनप्रत्यय इत्युपपत्त्या निपुणं साधितम् ॥ अनाकारचित्तविषयशास्त्रम् आलम्बनप्रत्ययपरीक्षा शास्त्रम् + Lit. यदि. 1 Lit. नानि उद्दिश्य. 'Lit. यथा तदाकार.. ' Lit. आलम्बनभावभाग्विज्ञान०. • The chinese text has a nega 3 =ou= bowl. tive particle wu, just before a To put more literally this .these two words. It is to be phrase : ०रूपद्वयं. विज्ञानेन एक मन्यद्वा, omitted to make the sense more अथवा नैक नान्यद्वा०. correct. No case sign in Chinese 'Lit. क्रियते. " Lit. अनुत्पत्ति. 1' Orअनुरुद्धत्वात् . " Lit. हेत्वनुसारि. 12 Cf. Madhyamakavrtti, ed. L. V. Poussin, p. 6, 1. 3 with note thereon. 13 न कोऽपि भेदः इति शेषः ।Page Navigation
1 ... 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142