Book Title: Agamsaroddhar
Author(s): Devchandramuni
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 423
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अध्यात्मगीता. षद्रव्यनो स्वरूप किम जाणिये ? त्यारे हि प्रथम गुरु कृपा करि, सात नये नव तत्वनो स्वरूप प्रतें ओलखावे छे. एटले नैगम नयने मते सर्वे तत्व छ, जे कारण सर्वे तत्वने चाहे छ १. त्यारे संग्रह नयना मतवालो सर्वनो संग्रह करी बोल्यो ( कहे )-एक तत्व. एटले जेहने मन मान्यो ते तत्व, बीजा सर्वे अतत्व जाणवा २. एटले व्यवहार नयना मतवाले बाह्य स्व. रूप देखीने भेद वेंहचवा मांड्या. एटले ए नयना मतवालो दीसता गुण देखे ते माने, माटे बे तत्व-एटले एक जीव तत्व १ अने बीजो अजीव तत्व २. एटले प्रथम जीवना बे भेद-एक सकल कर्म क्षय करी लोकने www.kobatirth.org For Private And Personal Use Only

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