Book Title: Agamsaroddhar
Author(s): Devchandramuni
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal
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१८२ अध्यात्मगीता. बाधापिड़ा रूप दुःख सुं रहित-अनंत सुख विलासी छु ५३.
अनअवगाही. एटले अनअवगाही कहतां म्हारो स्वरूप कोई द्रव्य अवगाहि सके नहीं ५४. __अगुरुलघु. एटले अगुरु कहतां मोटो नहीं. अने अलधु कहतां छोटो पण नथी. वली भारे नहीं, हलवो नहीं ५५. ___ अपरिणामी. एटले अपरिणामी कहतां हुं मन रूप परिणाम सुं रहित छु ५६.
अनेन्द्री. एटले अनेन्द्री कहता हुँ इंद्री रूप विकार मुं रहित-न्यारो, इच्छायोगी छु ५७.
अपाणी एटले अपाणी कहता हुं दश
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