Book Title: Agamoddharak Kruti Sandohasya Part 06
Author(s): Manikyasagarsuri
Publisher: Mithabhai Kalyanchandji Pedhi

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Page 121
________________ একাকিব-জুলিবিয়া न्यस्ता मम्मणिखानिसम्भवधिलाबन्दे पिछवापरा. स्तत् सर्वार्थसमेतमागमपदोपा वि मन्दिरम् // 35 // वस्तुवात इहायसन्नुपकताहारान् सदा सुन्दराद्, देशेभ्यो विविधेभ्यः साधनवर देशान्तरं प्रापणे / शंघ्र सौख्यकरं लघुव्यययुदं सर्वेषु साधारणं, लोकेषु प्रथितं सतोऽद उदिसं वैत्यं भुतामामिदम् // 36 // इत्ये जिनमन्दिरेण सहितं श्रीमागमानां वरं, . चैत्यं भव्यजनः सदा सुखयतु द्वन्द्व दृशोर्मोदतः। . दर्श दर्शमतिप्रभ भयहरं मोक्षाध्वनिर्वाह सद्धमर्थिजनेऽस्य सन्ततमपि प्रोच्याईगावाः स्तुतौ // 37 // पू. आगमोद्धारक-आचार्यप्रवर-श्रीआनन्दसागरमरिकृता / भागममन्दिर-ट्विशिका समाप्ता ] SWARRIOSSAITHIWRITWANAKISISRUS P.P. Ac. Gunratnasuri M. un Gun Aagadhak Trust led by CamScanner

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