Book Title: Agam Sutra Hindi Anuvad Part 12
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Aradhana Kendra

View full book text
Previous | Next

Page 178
________________ अनुयोगद्वार-६१ 999 [६१] आगमभावस्कन्ध क्या है ? स्कन्ध पद के अर्थ का उपयोगयुक्त ज्ञाता आगमभावस्कन्ध है । [६२] नोआगमभावस्कन्ध क्या है ? परस्पर-संबन्धित सामायिक आदि छह अध्ययनों के समुदाय के मिलने से निष्पन्न आवश्यकश्रुतस्कन्ध नोआगमभावस्कन्ध है । [६३-६५] उस भावस्कन्ध के विविध घोषों एवं व्यंजनों वाले एकार्थक नाम इस प्रकार हैं-गण, काय, निकाय, स्कन्ध, वर्ग, राशि, पुंज, पिंड, निकर, संघात, आकुल और समूह ये सभी भावस्कन्ध के पर्याय हैं । [६६-६९] आवश्यक के अधिकारों के नाम इस प्रकार हैं-सावद्ययोगविरति, उत्कीर्तन, गुणवत्प्रतिपत्ति, स्खलितनिन्दा, व्रणचिकित्सा और गुणधारणा । इस प्रकार से आवश्यकशास्त्र के समुदायार्थ का संक्षेप में कथन करके अब एक-एक अध्ययन का वर्णन करूंगा । उनके नाम यह हैं-सामायिक, चतुर्विशतिस्तव, वंदना, प्रतिक्रमण, कायोत्सर्ग और प्रत्याख्यान । इन में से प्रथम सामायिक अध्ययन के चार अनुयोगद्वार हैं-उपक्रम, निक्षेप, अनुगम, नय । [७०] उपक्रम क्या है ? उपक्रम के छह भेद हैं । नाम-उपक्रम, स्थापना-उपक्रम, द्रव्य-उपक्रम, क्षेत्र-उपक्रम, काल-उपक्रम, भाव-उपक्रम । नाम और स्थापना-उपक्रम का स्वरूप नाम एवं स्थापना आवश्यक के समान जानना । द्रव्य-उपक्रम क्या है ? दो प्रकार का है-आगमद्रव्य-उपक्रम, नोआगमद्रव्य-उपक्रम इत्यादि पूर्ववत् जानना यावत् ज्ञायकशरीरभव्यशरीव्यतिरिक्त द्रव्य-उपक्रम के तीन प्रकार हैं । सचित्तद्रव्य-उपक्रम, अचित्तद्रव्य-उपक्रम, मिश्रशरीरद्रव्य-उपक्रम । [७१] सचित्तद्रव्योपक्रम क्या है ? तीन प्रकार का है । द्विपद, चतुष्पद और अपद । ये प्रत्येक उपक्रम भी दो-दो प्रकार के हैं-परिकर्मद्रव्योपक्रम, वस्तुविनाशद्रव्योपक्रम । [७२] द्विपद-उपक्रम क्या है ? नटों, नर्तकों, जल्लों, मल्लों, मौष्टिकों, वेलबकों. कथकों, प्लवकों, तैरने वालों, लासकों, आख्यायकों, लंखों, मंखों, तूणिकों, तुंबवीणकों, कावडियाओं तथा मागधों आदि दो पैर वालों का परिकर्म और विनाश करने रूप उपक्रम द्विपदद्रव्योपक्रम है । [७३] चतुष्पदोपक्रम क्या है ? चार पैर वाले अश्व, हाथी आदि पशुओं के उपक्रम चतुष्पदोपक्रम हैं । [७४] अपद-द्रव्योपक्रम क्या है ? आम, आम्रातक आदि बिना पैर वालों से संबन्धित उपक्रम अपद-उपक्रम हैं । [७५] अचित्तद्रव्योपक्रम क्या है ? खांड, गुड़, मिश्री अथवा राब आदि पदार्थों में उपायविशेष से मधुरता की वृद्धि करने और इनके विनाश करने रूप उपक्रम अचित्तद्रव्योपक्रम हैं । [७६] मिश्रद्रव्योपक्रम क्या है ? स्थासक, दर्पण आदि से विभूपित एवं मंडित अश्वाद सम्बन्धी उपक्रम मिश्रद्रव्योपक्रम हैं । [७७] क्षेत्रोपक्रम क्या है ? हल, कुलिक आदि के द्वारा जो क्षेत्र को उपक्रान्त किया जाता है, वह क्षेत्रोपक्रम है । [७८] कालोपक्रम क्या है ? नालिका आदि द्वारा जो काल का यथावत् ज्ञान होता 12|12|

Loading...

Page Navigation
1 ... 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242