Book Title: Agam Nimbandhmala Part 03
Author(s): Tilokchand Jain
Publisher: Jainagam Navneet Prakashan Samiti

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Page 14
________________ आगम निबंधमाला ה הצהוברבונרבונובונורברבונרבחצוצרנוברבונרבחצוצרברב רב * जैनागम नवनीत प्रश्नोत्तर पुस्तकों का अभिमताष्टक आसु-कवि श्री चंदनमुनि पंजाबी पुस्तक क्या है ? ज्ञान-खजाना ! आगम-विज्ञों ने यह माना ! ॐ जैनागम नवनीत प्रश्नोत्तर, पुस्तक प्यारी-प्यारी है। एक तरह से अगर कहे हम, केसर की ही क्यारी है // 1 // म प्रश्नोत्तर शैली का प्यारा, सुगम मार्ग अपनाया है। आगम के गम्भीर विषय को, बडा सरस समझाया है // 2 // की चिन्तन और पठन-पाठन से, पूरा जिनका है सम्बन्ध / 卐 विषय अनेकों आये इसमें, देने वाले परमानन्द // 3 // 卐 आगम का अभ्यासी इसको, अगर पढेगा ध्यान लगा। + सहज-सहज ही बहुत-बहुत कुछ, हाथ सकेगा उसके आ // 4 // भला जगत का करने को जिन, सुलझी कलम चलाई है। . 卐 लेखक विज्ञ 'तिलोक मुनीश्वर' जी' को लाख बधाई है // 5 // ऊ जैनागम-मर्मज्ञ आपकी, महिमा का न कोई अन्त / कलम कलाधर आज आप-से, विरले ही हैं दिखते सन्त // 6 // म जहाँ शिष्य को गुरुवर ज्ञानी, गहरा-गहरा देते ज्ञान / ॐ तेज तिरंगे पृष्ट आवरण, की भी अद्भुत ही है शान // 7 // ॐ विषय जटिल है फिर भी हर इक, बात बहुत समझाई है। 'चन्दन मुनि' पंजाबी को ये, पुस्तकें भारी भाई है // 8 // 00000 आगम मनीषी मुनिराजश्री का भूत-भावि जीवन विवरण अर्थात् + आत्मकथा (उम्र 12 से 70 वर्ष तक का) मुद्रणाधीन है / वह निबंधमाला के के 5 भागों के साथ ही पाठकों के कर कमलों में पहुँचने की उम्मीद है। 455555555555555555555555555555555555))) 555555555555555555555555555 / 14

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