Book Title: Agam 41A Pindnujjutt Mulsutt 02A Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 17
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ८ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (१०४) गामदुवारब्यासे अगडसमीवे महाणमज्झे वा वा पुच्छे सयंपक्खा विआलणे तस्स परिहकणा (१०५) निस्संकिअ धूभाइसु काउं गच्छेज चेइ अघरं तु पच्छा साहुसमीवं तेऽवि अ संभोइया तस्स (१०६) निक्खिविउं किइकम्मं दीवणऽणाबाह पुच्छण सहाओ गेलपण विसजणया अविसङ्खुवएस दरवणया (१०७) पुनरवि अयं खुभिया अयाणगा यो स भणि उमओऽवि अयाणंता वेखं पुच्छंति जयणाए (१०८) गमणे पमाण उवगरण सउण वावार ठाण उयएसो आणण गंधुदगाई उझ्मणुट्टे अजे दोसा संचिक्खे ( १०९) पढमावियरजोगं नाउं गच्छे बिइजए दिये एपेय अण्णसंमोइयाण अण्णाइ बसहीए ( ११० ) एगागि गिलाणंमि उ सिद्धेतो किं न कीरई बावि छगमुत्तकहणपाणगधुवणऽत्यर तस्स नियगं वा (१११) सारवणं साहलय पागड धुवणे य सुइ समायारा अइमिले समाही सहुस्स आसास पडिअरणं (११२) सयमेव दिवपाढी करेइ पुच्छ अयाणओ वेलं दीचणदव्वाइंमि अ उबएसो जाव लंभी उ ( ११३) कारणिअ हट्ठ पेसे गमणऽणुलोमेण तेण सह गच्छे निक्कारणिअ खरंटण बिइज संघाडए गमणं (११४) समणिपवेसि निसीहिअ दुवारवज्रण अदि परिकहणं थेरीतरुणिविभासा निमंतऽणाबाहपुच्छा य (११५) सिमि सहू पडिणीयनिग्नहं अहव अण्णहिं पेसे उवएसो दावणया गेलत्रे वेज्जपुच्छा अ (११६) तह चेव दीवण चउक्कएण अन्नत्थ वसहि जा पढमा तह चेवेगाणीए आगाढे चिलिमिली नवरं ( ११७) निक्कारणिअं चमढण कारणिअं नेइ अहय अप्पाहे गमणित्थि मीस संबंधियजिए असइ एगागी (११८) एगबहू समणुण्णाण वसहीए जो ब एग अमणुत्रो अमणुत्रसंजईणय अण्णहिं एक्कं चिलिमिलीए (११९) बिहिपुच्छाएँ पवेसो सम्णिकुले चेइ पुच्छ साहम्मी अन्नत्य अत्थि इह ते गिलाणकजे अहिवडति (१२० ) सव्वंपि न घेत्तव्वं निमंतणे जं तर्हि गिलाणस्स कारण तरस य तुज्झ य वउलं दव्यं तु पाउग्गं ( १२१ ) जाऍ दिसाए गिलाणो ताएँ दिसाए उ होइ पडियरणा पुव्वभणिअं पिलाणो पंचण्हदि होइ जयणाए For Private And Personal Use Only मोनत्ति (१०४ ) ६७]66 ||& IL-67 ६९॥ 88 1190|1-69 110911-70 १७२॥1-71 11931172 १७४|1-73 11941-74 110411-75 ||99|1-76 ||92|1-77 119811-78 ||2011-79 ||८१६-४० (2311-81 112311-82 [XYII-83

Loading...

Page Navigation
1 ... 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78