Book Title: Agam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra
Author(s): Devendramuni
Publisher: SuDharm Gyanmandir Mumbai
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४९. (क) आवश्यक नि. गा. ३५५
(ख) त्रिषष्टि. १।६।१९ ५०. (क) आव. निर्यु. गा. ३५६
(ख) त्रिषष्टि. १।६।२० । ५१. (क) आव. नियु. गा. ३५७
(ख) त्रिषष्टि. १।६।२१ ५२. (क) आवश्यक नियुक्ति गा. ३५८
(ख) त्रिषष्टि. १।६।२२ ५३. (क) आवश्यक निर्यु. गा. ३५९
(ख) त्रिषष्टि. ११६।२३ ५४. आवश्यक नि. गा. ३६० ५५. आवश्यक नि. गा. ३८८ ५६. (क) आवश्यक नि. ३६०
(ख) त्रिषष्टि. १।६।२७ ५७. (क) आवश्यक भाष्य गा. ४४ प. २४३
(ख) आवश्यक नियुक्ति गा. ३६७
(ग) महावीर चरियं गुण. गा. १२४ प्र. २ ५८. (क) आवश्यक नियु० गा.४२२,से ४२४ (ख) महावीर चरियं गा.१२६ से १२८
तक प्र० २. (ग) त्रिषष्टि ११६ श्लोक ३७२-३७८ ५९. (क) आवश्यक नियुक्ति गा. ४२८ ।
(ख) महावीर चरियं गा. १२९ प. २४४ ६०. आवश्यक नियुक्ति गा. ४३१ ६१. आवश्यक नियुक्ति गा. ४३२ ६२. (क) आवश्यक मलय. वृत्ति प. २४७।१।
(ख) महावीर चरियं पर्व ६ श्लोक २९-३२
(ग) त्रिषष्टि. पर्व १, सर्ग ६, २९ से ३२. ६३. (क) आवयक मलयगिरी वृत्त प. २४७११
(ख) त्रिषष्टि. १।६।४८ (ग) आवश्यक नियुक्ति ४३७
(घ) महावीर चरियं गुणचन्द्र प. २२ ६४. (क.) आवश्यक निर्यु. गा. ४३८प. २४७
(ख) उत्तर पुराण ७४।६६,पृ०४४७
६५. (क) आवश्यक नियुक्ति गा. ४४०
(ख) आवश्यक चूणि पृ० २२९ ६६. (क) आवश्यक मलय. वृ. २४८।२
(ख) त्रिषष्टि. १०।१।८३ । ६७. (क) आवश्यक चूणि पृ. २३१
(ख) आवश्यक मलय. प. २४९ (ग) उत्तर पुराण ७४।१०६ से ११० पृ ४५
(घ) समवायाङ्ग सूत्र २६० सुत्तागमे ३८१ ६८. आवश्यक चूणि पृ. २३१
(ख) आवश्यक मलय. वृत्ति २४९ ६९. (क) आवश्यक चूणि पृ. २३१-३३२
(ख) आवश्यक मलयगिरि वृत्ति. २४९
(ग) उत्तर पुराण ११६ पृ. ४५१ ७०. (क) आवश्यक चूर्णि पृ. २३२
(ख) आवश्यक मलय. पृ. २४९ (ग) त्रिषष्टि. १०।१।१०६ (घ) महावीर चरियं ३।११।४० (ड) उत्तर पुराण ७४।११७
(च) सवायाङ्ग सूत्र २६२ सुत्तागमे ३८१ ७१. (क) आवश्यक मलय. वृत्ति २४९
(ख) आवश्यक चूणि २३२
(ग) त्रिषष्टि. १०।१।१०७ ७२. सवायाङ्ग सूत्र २५७ सुत्तागमे पृ. ३८०
(ख) आवश्यक चूणि पृ. २३२
(ग) आवश्यक मलय. वृत्ति पृ. २५०।१ ७३. (क) आवश्यक चूणि पृ. २३३
(ग) त्रिषष्टि १०।१।१२२-१२३ (क) आवश्यक चूणि पृ. २३३
(ख) त्रिषष्टि १०१।१३९-१४० ७५. (क) आवश्यक मलय. वृ. पृ. २५०।२
(ख) आवश्यक चूर्णि पृ. २३४ ७६. (क) आवश्यक चूणि पृ. २३४
(ख) आवश्यक नियुक्ति मलय. वृ. २५० (ग) उत्तर पुराण ७४।१६१ से १६४ पृ.४५४
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