Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Amar Publications
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सभाष्यचूणिके निशीथसूत्रे पीठिकायां विषय गायाङ्क पृष्ठाङ्क
विषय
गाथाङ्क पृष्टान वियड द्वार
१३१ ५३-५४ वायुकायकी दपिका , २३५-२४३ ८४-८६ मद्यपान के दोष तथा तत्सम्बन्धी
, कलिका , २४४-२४७ ८६-८७ प्रायश्चित्त
वनस्पति कायको दपिका २४८-२५२ ८७-८१ इन्द्रिय-द्वार
. कल्लिका ,, २५३-२५७ ।। ८९-६१ शब्दादि विषयासेवन का राग
वस्कायको दपिका , २५८-२७१ ६१-६५ द्वष सम्बन्धी विभिन्न प्रायश्चित्त
, कल्लिका . , २७१-२८६ ६६-१०२ निद्रा-द्वार
१३३-१४२ ५४-५७ २ मृषावाद की दपिका निद्रा के ५ भेद
१३३ ५४ प्रतिसेवना
२६०-३२० १०१-११२ निषिद्ध काल में निद्रा लेने
, कल्पिका ३२१-३२३ ११२-११३ पर प्रायश्चित्त
१३४ , ३ अदत्तादानकी दर्पिका सस्त्यानदि निद्रा का सोदा
प्रतिसेवना ३२४-३४१ ११३-११६ हरण कथन तथा तत्सम्बन्धी
, कल्पिका प्र. ३४२-३५१ ११६-१२२ प्रायश्चित्त
१३५-१४२ ५५-५७ ४ मैथुन की दपिका प्र० ३५२-३६२ १२२-१२५ दर्प और कल्प-प्रतिसेवना
कल्पिका., ३६३-३७६ १२५-१३० के भेद
का प्र०३७७-३६० १३०-१३४. १४३-१४४ कल्प-प्रतिसेवना के दो भेद ,
, कल्पिका, ३६१-४११ १३४-१४० मूलगुण-प्रतिसेवना १४५
६ रात्रिभोजनकी दपिका४१२-४१८ १४०-१४२
, कल्पिका ४१६-४५५ १४२-१५४ १ प्राणातिपात प्रतिसेवना ,
" " उत्तर गुण-प्रतिसेवना४५६-४६०१५४.१५६ पृथ्वी आदि छह काय की
पिण्ड (आहार की दर्प-प्र०४५६-४५७ १५४-१५५ दपिका प्रतिसेवना का
" , , कल्प, ,४५८ १५५.१५६ सामान्य-प्रायश्चि । १४५ ५८ कला प्रतिसेवना की मर्यादा४५६
, पृथ्वी कायकी दपिका प्रति
कल्प-प्रतिसेवना के सेवन सेवना के दस द्वार
न करने पर दृढधर्मता ४६० दस द्वार सम्बन्धी संक्षिप्त
कल्प-प्रतिसेवना के स्थान ४६१४६२ १५६ “प्रायश्चित्त
१४७-१४६ ५८-५९ __ अशुद्ध प्रतिसेवनाके १०प्रकार४६३-४७३ १५७-१५६ दस द्वारों का विस्तृत-विवे
दशविध प्रतिसेवना का प्रा० ४७४-४७६ १५६-१६। चन तथा प्रायश्चित्त १५०-१६१ ५६-६३ । मिश्र प्रतिसेवनाके१० प्रकार ४७७-४८३ १६०.१६२ पृथ्वी कायको कल्पिका
कल्प प्रतिसेवना के २४ प्रकार४८४-४६२१६२.१६४ प्रतिसेवना
कल्प-प्रतिसेवी की प्रशस्तता ४६३ १६४
निशीथपीठिका के अनधिअपकाय की दर्षिका प्रति० १७७-१८७ ६८-७१
कारी
४६४-४६५ १६५ ,, कल्पिका, १८८-१०४
६.१०४
७१-७५
७१-७५ अनधिकारी को सूत्रादि देने तेजस्काय की दपिका ,, २०५-२१६ ७५-७६ से हानियाँ -४६६ १६५-१६६ कल्पिका , २२०-२३४ ७६-८४ निशीथ पीठिका के अधिकारी
णिसीह-पेढिया समत्ता
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