Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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जीवामिगमसूत्रे
नाम्नी कि गोत्रा च मज्ञप्ता, भगवानाह - 'गौतम ! नाम्ना शिटा गोत्रेण धूमप्रभा धूमस्येव प्रभा यस्याः सा धूमगभा । 'छट्टीणं भंते ! पुढची' पाठी खलु भदन्त ! पृथिवी 'कि नामा कि गोत्ता पन्नता' किं नाम्नी कि गोत्रा च मशष्ठा, भगवानाह - हे गौतम! नाम्ना मघा गोत्रेण तमःप्रभा तमसोऽन्धकारस्य ममा बादल्य यत्र सातमः प्रभा बहुलेत्यर्थः । 'सत्तमी णं भंते ! पुढी' सप्तमी खलु भदन्त ! पृथ्वी 'किं नामा कि गोत्ता' किं नाम्नी कि गोत्रा च मज्ञप्ता, भगवानाह - हे गौतम ! नाम्ना माघवती गोत्रेण तमस्तमः प्रभा, तमस्तमसः प्रकृष्टतमसः प्रभाबाहुल्य यत्र सा तमस्तमः प्रभा प्रकृष्टतमो बहुलेत्यर्थ तदुक्तम्- |
धम्मा वंसा सेळा अञ्जगरिया मघाय माघवई । सत्तणं पुढवीणं एए नामाउ नावा ॥१॥
पृथिवी किस नाम वाली और किस गोत्र वाली है ? उत्तर में प्रभु कहते कहते हैं - हे गौतम! पांचवी पृथिवी नाम से रिष्टा है और गोत्र से धूमप्रभा है- क्योंकि धूम के प्रभा जैसी प्रभा यहां रहती है । 'छट्टेणं भंते पुढवी' हे भदन्त ! छठवीं पृथिवी किस नाम वाली और किम गोत्र वाली है ? उत्तर में प्रभु कहते हैं-गौतम ! छटवीं पृथिवी नाम से मघा है और गोत्र से तमः प्रभा है क्योकि यहां अन्धकार की प्रभा का बाहुल्य रहता है 'सत्तमीगं भंते! पुढवी' हे भदन्त ! सातवीं पृथिवी किस नाम वाली और किस गोत्र पाली है ? उत्तर में प्रभु कहते हैं - हे गौतम ! सातवीं पृथिवी नाम से माघवती है और गोत्र से तमस्नमः प्रभा है- क्योंकि यहां पर गाढ अन्धकार का बाहुल्य होता है जैसे कहा
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પૃથ્વીનુ' શું નામ છે ? અને તેનુ ગેાત્ર કયું છે ? તેના ઉત્તરમાં પ્રભુ કહે छे 'गोयमा' ! हे गौतम! पांयमी पृथ्वी नाम रिष्ठा छे अने तेनुं गोत्र
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ધૂમપ્રભા ’ છે. કેમકે ધૂમાડાની પ્રભા જેવી પ્રભાનુ 'छट्टीणं भंते ! पुढवी' हे भगवन् छठी पृथ्वीतुं गोत्र शुद्ध छे ? या प्रश्नना उत्तरमा अनु उहे छे છટ્ઠી પૃથ્વીનુ નામ મઘા છે. અને અંધકારની પ્રભાનું વિશેષ પશુ રહે છે
તેનુ ગાત્ર
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'सत्तमीणं भंते! पुढवी '
હે ભગવન્! સાતમી પૃથ્વીનુ શુ નામ છે? मने तेनु गोत्र शु छे ? तेना उत्तरमा अनु डे छे } 'गोयमा !' हे गीतभ સાતમી પૃથ્વીનું નામ 'भाधवती !' थे प्रभाये छे. अने तेनु गोत्र तभस्तभ પ્રભા એ પ્રમાણેનું છે. કેમકે તેમા ગાઢ અંધારાની વિશેષતા રહેલી છે. જેમ
અધિપણ તેમાં રહે છે
शु नाम है ? अने तेनु
'गोयमा !' हे गौतम! ‘તમઃપ્રભા’ છે. કેમકે તેમાં