Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 12 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 17
________________ प्रमैन्द्रिका टीका श० १६ उ० १ उद्देशार्थसंग्रहगाथा निरूपणम् शब्देनोपलक्षितो यावतिकमिति चतुर्योदेशकः ४ । 'गंगदत्त' गंगदत्तः गंगदसनामक देवसम्बन्धिविषयप्रतिपादकत्वात् उद्देशकोपि गंगदत्तनामको भवति स च पञ्चमः ५ । 'सुमिणे य' स्वप्नश्च - स्वप्नात्मक विषयप्रतिपादकत्वादेतस्य स्वप्न इति नाम भवति स चात्र पष्ठोदेशकः ६ । 'उत्र ओगं' उपयोगः - उपयोगात्मकार्थ प्रतिपादकत्वादुद्देशक्रोऽपि उपयोग इति नाम्ना निर्दिश्यते स च सप्तमः ७ । 'लोग : ' लोक:- लोकस्वरूपमतिपादकत्वात् लोक इति नामकोष्टम उद्देशकः ८ । 'बलि' बलि:- बळिरसुरकुमारेन्द्रः तत्संबन्धिपदार्थप्रतिपादकत्वाद् बलिनामको नवम उद्देशकः ९ । 'ओही' अवधिः - अवधिज्ञानपरूपण परत्वादवधिशब्देनोच्यमानउद्देशको दशमः १० | 'दीव' द्वीप:- द्वीपकुमारवक्तव्यतापतिबद्धत्वात् द्वीप इति नामक एकादशोदेशकः ११ । 'उदही' उदधिः- सप्तमभवनपतीन्द्र उदधिकुमारयावतिक इस पद से उपलक्षित होने के कारण चतुर्थ उद्देशक यावनिक इस नामवाला है। गंगदत्तनामक देवसंवन्धि विषय का प्रतिपादक होने से पांच उद्देशक गंगदत्त नामका कहा गया है । स्वमात्मक विषय का प्रतिपादक होने के कारण स्वप्न इस नामका छठा उद्देशा है उपयोग रूप अर्थ का कथन करनेवाला होने से ७ वां उद्देशा उपयोग इस नामका है। लोक के स्वरूप का प्रतिपादक होने से लोक इस नाम का आठवां उद्देशा है। असुरकुमारेन्द्र का नाम बलि है। इस बलि संबन्धी पदार्थ का प्रतिपादन करनेवाला होने के कारण बलिनाम का नौवां उद्देशा है अवधिज्ञान की प्ररूपणा करने में तत्पर होने के कारण अवधि नामका दशवां उद्देशा है। द्वीपकुमार संबन्धीवक्तव्यता से युक्त -એ પ્રમાણે રાખવામાં આવ્યુ છે. ચેાથા ઉદ્દેશકનુ નામ 'यावति એ પ્રમાણે છે. ગંગદત્ત નામના દેવ સમધિ વિષયનું પ્રતિપાદક હાવાથી પાંચમાં ઉદ્દેશાનું નામ-ગ`ગદત્ત-એ પ્રમાણે રાખવામાં આવ્યું છે. સ્વપ્નાત્મક વિષઅનું પ્રતિપાદન કરનાર હાવાથી છૂટ્ટા ઉદ્દેશાનુ નામ-‘સ્વપ્ન ’–એ પ્રમાણે રાખવામાં આવ્યું છે. ઉપચાગ રૂપ અતું કથન કરનાર હાવાથી સાતમા ઉદ્દેશાનું નામ- ચેગ ’– એ પ્રમાણે રાખવામાં આવ્યું છે. લેકના સ્વરૂપનું પ્રતિપાદન કરનાર હાવાથી ટેક એ નામનેા આઠમા ઉદ્દેશેા છે. અસુરકુમા ન્દ્રનું નામ અથિ છે. એ બલિ સબધિ અનુ' પ્રતિપાદન કરવાવાળુ होवाथी नवभा उद्देशानुं नाम 'सि' हे अवधिज्ञाननी अ३पणा (पान) કરવામાં તત્પર હાવાના કારણે દેશમાં ઉદ્દેશાનું નામ ‘અવધિ ' એ પ્રમાણે છે. દ્વીપકુમાર સંબધિ વક્તવ્રતા યુકત હવાને કારણે અગિયારમા ઉદ્દેશાનુ શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૨

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