Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 02
Author(s): K C Lalwani
Publisher: Jain Bhawan Publication

Previous | Next

Page 271
________________ 254 भगवती सूत्र शः ६ उः३ प्रश्न ३७-णाणावरणिज्जं कम्मं कि पज्जतओ बंधइ अपज्जत्तओ बंधइ णोपज्जतय-णोअपज्जतए बंधइ ? उत्तर ३७-गोयमा! पज्जतए भयणाए। अपज्जत्तएबंषइ । णोपज्जत्तयणोअपज्जतए ण बंधइ । एवं आउयवज्जाओ । आउयं हेठिल्ला दो भयणाए। उवरिल्ले ण बंधइ। प्रश्न ३८-णाणावरणिज्जं कि भासए बंधइ अभासए ... ? उत्तर ३८-गोयमा! दो वि भयणाए एवं वेयणिज्जवज्जाओ सत्त वि। धेयणिज्जं भासए बंधइ अभासए भयणाए। प्रश्न ३९-णाणावरणिज्जं कि परिते बंबइ अपरित्ते बंधइ णोपरित्तणोअपरित्ते बंधइ ? उत्तर ३९-गोयमा ! परित्ते भयणाए अपरिते बंधइ णोपरित्तणोअपरित्ते ण बंधइ। एवं आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ आउयं परित्तो वि अपरित्तो विभपणाए णोपरित-णोअपरित्तो ण बंधइ । प्रश्न ४०-णाणावरणिज्नं कम्मं किं आभिणिबोहियणाणी बंधइ सुयणाणी ओहिणाणी मणपज्जवणाणी केवलणाणी ...? __ उत्तर ४०-गोयमा ! हेठिल्ला चत्तारि भयणाए । केवलणाणी ण बंधइ। एवं वेयणिज्जवज्जाओ सत्त वि। वेयणिज्जं हेठिल्ला चत्तारि बंधति । केवलणाणी भयणाए। प्रश्न ४१-णाणावरणिज्जं कि मइअण्णाणी बंधह सुयअण्णाणी बंधइ विभंगअण्णाणी बंधइ ? उत्तर ४१-गोयमा ! आउय वज्जाओ सत्त वि बंधंति आउयं भयणाए। 0.37. Does a living being with full attainment bind karma enshrouding knowledge ? Does one without full attainment bind ? Does one with- and without-full attainment bind ? A. 37. Gautama! A living being with full attainment. sometimes binds karma enshrouding knowledge and some

Loading...

Page Navigation
1 ... 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422