Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 02
Author(s): K C Lalwani
Publisher: Jain Bhawan Publication
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सत्तमो उदेसो
CHAPTER SEVEN
[ on the sprouting of corn ]
प्रश्न १११-अह भंते ! सालीणं वीहीणं गोधूमाणं जवाणं जवजवाणंएएसि गं धण्णाणं कोट्ठाउत्ताणं पल्लाउत्ताणं मंचाउत्ताणं मालाउत्ताणं उल्लित्ताणं लिताणं पिहियाणं मुदियाणं लंछियाणं केवइयं कालं जोणी संचिट्ठइ ?
उत्तर १११-गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तिण्णि संवच्छराई। तेण परं जोणी पमिलायइ तेण परं जोणी पविद्धसइ तेण परं बीये अबीये भवइ तेण परं जोणीवोच्छेए पण्णत्ते समणाउसो !
प्रश्न ११२-अह भंते ! कलाय-मसूर-तिल-मुग्ग-मास-निप्पाव-कुलत्थआलिसंदग-सतीण-पलिमंथगमाईणं-एएसि णं धण्णाणं ?
उत्तर ११२-जहा सालीणं तहा एयाणं पि णवरं-पंच संवच्छराई । सेसं तं चेव। - प्रश्न ११३-अह भंते ! अयसि-कुसुभग-कोद्दव-कंगु-वरग-रालग-कोदूसगसण-सरिसव-मूलगबीयमाईणं-एएसि णं धण्णाणं ?
उत्तर ११३-एयाण वि तहेव णवरं सत्त संवच्छराई । सेसं तं चेव ।
Q. 111. Bhante ! Of śāli (fine paddy), brīhi (coarse paddy), wheat, barley and yavayava (special variety of barley), kept in a barn, basket or store, whose passage is besmeared with cow-dung, carefully besmeared, covered, sealed with earth, and marked,-of these well-preserved corns, how long does the capacity to sprout Yast ?
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