Book Title: Adhyatma ka Amrut
Author(s): Lalitprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 45
________________ जीवन बहुत छोटा है। इसका काफी भाग बीत चुका है। हम अब भी जगें और बचे हुए समय का भी सही उपयोग कर लें तो भी हमारा भला हो सकता है। बीती को बिसार कर आगे की सुध लेने वाला व्यक्ति ही समझदार कहलाता है। जो बीत गया, वह तो अब लौट कर आएगा नहीं। बुढ़ापा आकर कभी जाएगा नहीं। वह तो हमारी साँसों की डोरी टूटने के साथ ही जाएगा। जीवन के एक-एक पल का सदपयोग कर हम इस दनिया में आने का सच्चे अर्थों में लाभ उठा सकते हैं। आखिर तो हमें मृत्युलोक को छोड़ना ही पड़ेगा। यहाँ किसी की जागीरी नहीं है। कुछ तो आकर चले गए, कुछ जाने को तैयार हैं। हमें चिंतन करना होगा कि जीवन के पल व्यर्थ न जाएँ। हम प्रत्येक चौबीस घंटे में हमारे अपने लिए क्या कर रहे हैं? जीवन का घट तो पल-पल खाली होता जा रहा है। हम इसे नहीं देख पा रहे, नहीं समझ पा रहे, इससे बड़ा हमारा दुर्भाग्य और क्या होगा? अंत में व्यक्ति को लगता है कि पूरा जीवन बेकार गया और मैं कुछ न कर सका। वह हाथ मलता रह जाता है। जीवन के पल-पल मूल्यवान हैं। करोड़ों रुपये देकर भी हम एक पल वापस नहीं पा सकते। हमें आज ही सोचना होगा। अच्छा काम कल पर न टालें और बुरा काम आज न करें। ऐसा करके हम कई पापों से बच जाएँगे। भारत में समय और कार्य के सम्बन्ध में दो कहावतें प्रचलित हैं। काल करे सो आज कर, आज करे सो अब। पल में प्रलय होयेगी, बहुरि करोगे कब ॥ और आज करे सो काल कर, काल करे सो परसों। इतनी जल्दी क्या है बंदे, अभी जियेंगे बरसों॥ भारत में इन दोनों कहावतों को हँसी में ही उड़ाया जाता रहा है, लेकिन मेरे लिए तो दोनों कहावतें काफी महत्त्वपूर्ण हैं । इन कहावतों को उड़ते-उड़ते मस्तिष्क से न लेना। गहरा अर्थ-गाम्भीर्य है इनमें । हम इनके सही अर्थ समझ न पाये, इसलिए इन कहावतों को ऊपर-ऊपर से ले लेते हैं। काल करे सो आज कर, आज करे सो अब,' यह शुभ कार्य के लिए है। कौन जानता है, अगले पल क्या होगा? अगला पल प्रलय बनकर भी तो आ सकता है, इसलिए अगर कुछ शुभ करना हो, तो अभी कर लो। 'कल का काम आज करें और आज का अभी,' यह पद तो जीवन्त है ही, पर इससे भी ज्यादा जीवन्त पद है दूसरा । बशर्ते हम उसके अर्थ-गाम्भीर्य को समझ लें। आज करे सो काल कर, काल करे सो परसों। इतनी क्या जल्दी है बंदे, अभी जियेंगे बरसों॥ पता है किस अर्थ में कहा गया है यह पद । तुमने इस जीवन्त पद को मजाक में ले लिया। 'आज करे सो काल कर, अर्थात् किसी भी अशुभ कार्य को कल पर टाल देना, बुरे काम को कल के लिए छोड़ देना। हमने अपनी गाड़ी उल्टी चलानी शुरू कर दी। अच्छे कार्य को हम कल पर टाल देते हैं, और गलत को अभी करना Jain Education International For Personal Private Use Only www.jainelibrary.org

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