________________
ज्वर आया और कुटुम्ब परिवार में खबर पहुंचने से सारे परिवार के भाई बहिन आ गए । आप धर्म ध्यान स्मरण में दत्तचित रहते थे। सुदी ३ की रात्रि को स्वप्न में योगीराज के दर्शन हुए आपने कहा मैं आ गया हूँ, तैयारी करना प्रातः ही सारी कथा सुनाई और मृगशिर्ष शुक्ला चतुर्थी को आपका देहान्त हो गया । अतः यह चमत्कार कम नहीं हुवा, बादरमलजी ने निजपुत्र सायरमलजी आदि को कहा योगीराज गुरु देव का उपकार मत भूलना, इसी आज्ञा के पालन में यह पुस्तक प्रकाशन कराई है। अस्तु
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com