Book Title: Abuwale Yogiraj ki Jivan Saurabh
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Chandanmal Nagori

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Page 51
________________ २६ श्रीतीर्थविजयजी भगवान् हुए। आपश्री भी जाति के अहीर थे। आपका जन्मस्थान मणादर गांव था। आपश्री ने सारा जीवन तपश्चर्या में पूरा किया। संवत् १९८४ की फागुन सुदी ८ के दिन मारवाड़ में मुडोत्रा गाँव में आपश्री का देवलोकवास हुआ। जगतगुरु आचार्य सम्राट् श्रीविजयशान्तिसूरीश्वरजी भगवान् का जीवन-चरित्र अनुभव करने योग्य है। आपश्री का जीवन-चरित्र अत्यन्त अद्भुत अलौकिक एवं अगम्य है इसलिये वाणी द्वारा यथार्थ कह सकने में कोई समर्थ नहीं है तो फिर लेखनी द्वारा लिखकर उसका वर्णन कैसे किया जा सकता है। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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