Book Title: Aao Jeena Sikhe
Author(s): Alka Sankhla
Publisher: Dipchand Sankhla

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Page 10
________________ ) पठले इसे पढ़ें फिर आगे बढ़ें सब कुछ सीखा हमने, न सीखा हमने जीना। फिर बताओ मुझे, कैसे होगा सुखमय जीना? सोचो खुद ही थोड़ा, कैसे होगा सफल जीना? चिंतन करके देखो, क्या आनंदमय है तुम्हारा जीना? पूछना अपने आपसे, क्या सीखा तुमने जीना? नहीं.... हमने नहीं सीखा जीना। अनुक्रमणिका 1 बोयह किताब क्यों पढ़े ?.............. ................19 जीना सीखें..... ...........20 जीना सीखें, जीने का ज्ञान, सब कुछ अंदर है, सब कुछ सिखना पड़ता है, जीवन का उद्देश्य निश्चित करो। 3 शिक्षा हमें क्या देती है?.. ......25 पैसा हमें क्या देता है?, मूल में ही कुछ भूल है, जागरुकता 4 स्वयं को पहचानो ............ .................29 सीखने की कोई उम्र नहीं होती, अच्छा इन्सान बनें, जीवन की पोथी पढ़ो, अपने दीए खुद बनो, 5 आज की समस्या ...... ........34 पढ़ाई के साथ, प्रयोग की आवश्यकता 6 सफलता.. सत्य, ज्ञान, अणुव्रत 7 संकल्प ................. आयोजन-नियोजन, अनुशासन, आत्मविश्वास, 8 स्वस्थ रहो............... योग, रूचि, पढ़ेगा वही आगे बढ़ेगा, चरैवेति १ टी.वी. के दुष्परिणाम ........... 10 प्रयोग करें....... श्वास, सोना-उठना, खाना-पीना, बोलना, 11 गुस्सा हँसते रहना, स्मृति विकास, कैसे करे पढ़ाई 12 मैने यह किताब क्यों लिखी? ... प्रश्न-प्रश्न-प्रश्र, सवालों के जवाब, योग, दृष्टि बदली, मिले गुरू ऐसे महान्, सत्य का शोध, आध्यात्मिक-वैज्ञानिक व्यक्तित्त्व, हर समस्या का समाधान अपने आपको बदल सकते हो 13 जीवन विज्ञान जीना सीखाने वाला ज्ञान __14 रुप और गुण. ....91 तो सोचो मत, आओ मिलकर सीनवें जीना। पढ़ो ध्यान से इस पुस्तक को, अरवमय होगा तुम्हाला जीना। सुंदल, आनंदमय होगा तुम्हारा जीना। एक-एक प्रयोग को दिल से, सफल होगा तुम्हारा जीना। आओ मिलकर सीन ठम जीना। 1oo

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